नई दिल्ली : आने वाले समय में किसान संगठन गेंहू के नाम पर आंदोलित हो सकते हैं। क्योंकि सरकार ने देश में गेंहू की कमी को देखते इसके इम्पोर्ट का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार ने गेंहू पर 10 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी को हटा दिया है। देश में किसानों की खराब हालात के बावजूद मौजूद सरकार यही तर्क देती रही कि इस बार देश में गेंद का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। सरकार का कहना था कि इस बार गेंहू का उत्पादन 9.4 करोड़ टन होने की संभावना है। सरकार के इन दावों की हकीकत जल्द ही सामने आ गई है। सरकार के इस फैसले का किसानों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि आयात किया जाने वाला गेंहू सस्ता बिकने की वजह से उनके गेंहू को कौन खरीदेगा।
इससे पहले सितंबर में सरकार ने गेंहू इम्पोर्ट पर ड्यूटी 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी थी। दरअसल सरकार ने गेंहू उत्पादन के आंकड़ों को बढ़ा चढ़ाकर किया था लेकिन कमी के कारण गेंहू की मांग बढ़ गई। नवम्बर में बाजार में केहू की कीमतें 2450 रूपये प्रति क्विंटल थी। अब गेंहू की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। पहले और दूसरे एडवांस एस्टीमेट में सरकार ने गेहूं प्रोडक्शन का अनुमान 9.38 करोड़ टन बताया। इसके बाद तीसरे अनुमान में इसे और बढ़ाकर 9.44 करोड़ कर दिया गया।
अगस्त की शुरूआत में जारी चौथे अनुमान में सरकार ने गेहूं उत्पादन का आंकड़ा पहले और दूसरे से घटाकर 9.35 करोड़ कर दिया। ऐसे में सरकार के हवा-हवाई आंकड़ों ने आंकड़ों ने फ्लोर इंडस्ट्री में गफलत पैदा कर दी। जबकि, प्राइवेट फ्लोर मिलें इस साल गेहूं उत्पादन को सिर्फ 8.5 करोड़ टन ही मानकर चल रहीं थीं। इंपोर्ट ड्यूटी घटाए जाने के पहले से ही देश में गेहूं का इंपोर्ट जारी है।
दक्षिण भारतीय फ्लोर मिलें मई जून में ही इंपोर्ट शुरू कर चुकी थीं। इसका कारण सरकार के आंकड़ों के अनुसार अब तक प्राइवेट ट्रेडर्स 17.2 लाख टन गेहूं इंपोर्ट कर चुके हैं। हालांकि, ट्रेडर्स इससे कहीं अधिक 40 लाख टन इंपोर्ट की संभावना जता रहे हैं। नवंबर में करीब 6.25 लाख टन गेहूं का इंपोर्ट हुआ है, जो पिछले 10 साल का सबसे ज्यादा मंथली इंपोर्ट है। इस साल यानि अप्रैल से नवंबर तक करीब 15 लाख टन गेहूं का इंपोर्ट हो चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 260 फीसदी ज्यादा है। इसमें से करीब 65 फीसदी दक्षिण भारत की मिलों ने इंपोर्ट किया है, दरअसल इंपोर्टेड गेहूं घरेलू बाजार के मुकाबले करीब 200 रुपये सस्ता बैठ रहा है।