नई दिल्ली: दरअसल सेक्स का ज़िक्र आते ही कुछ लोग अटपटा सा मुंह बना लेते हैं और कुछ बेहद खुलकर बात करने लगते हैं लेकिन लड़कियां इस मामले में कुछ भी कहा नहीं करती बल्कि अक्सर चुप्पी साध लिया करती हैं। लेकिन अगर आप यह सोच रहें है कि लड़के इन चीज़ों को लेकर ज़्यादा तेज़तर्रार होते हं तो यक़ीन जानिए ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि लड़के अक्सर सेक्स से पहले बहुत कुछ सोचा करते हैं.
अक्सर लड़को को ऐसा लगता है कि सेक्स का अनुभव अच्छा होगा कि नहीं जिसके कारण वो सेक्स करने से पहले वॉशरूम में जाते हैं। वॉशरूम जाकर वो एक आत्मविश्वास लाने की कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं लड़के अंडरवियर्स को लेकर भी बेहद चिंतित रहते हैं। अगर आपको लगता है कि इसे लेकर केवल लड़कियां अवेयर होती हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं क्योंकि लड़के कहीं ज़्यादा अपने लुक, अंडरवियर और अपनी सेक्स की मुद्रा को लेकर हज़ारों बार सोचा करते हैं।
चाहे कितना भी लड़के अपने आप को कूल दिखाने की कोशिश करें लेकिन शुरुआत में वे बेहद सहमें रहते हैं, पर एक बार लड़की की तरफ़ से सिग्नल मिलने पर वो हद से ज़्यादा उत्तेजित और क्रूर हो जाते हैं हालांकि इस मामले में वो फिर भी लड़कियों से कम ही उत्तेजित रहते हैं। 'सेफ सेक्स' की जानकारी होने के बावजूद वो इसे नहीं करते। उत्तेजित होने के बाद वो कंडोम को भी निकाल फेकते हैं।
सेक्स करने से पहले वो साथी के साथ पैदल घूमना पसंद नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि रोमांस के वक़्त प्राइवेट पार्ट पर पसीना आता है और इसकी बदबू माहौल बिगाड़ सकती है। इसके अलावा जो सबसे बड़ा डर लड़को के अंदर होता है वो यह कि अगर वो लड़की को बिस्तर तक लाकर अगर उसकी चाहत को पूरा न कर सके तो क्या होगा उनका।
सबसे महत्वपूर्ण बात जो लड़कों को अक्सर सताती है कि कहीं उनका प्राइवेट पार्ट काम नहीं कर पाया तो लड़की इसके बारे में क्या सोचेगी। इसके अलावा सेक्स के दौरान कई चीज़ें होती है जिससे आपको बाद में शर्मिंदगी महसूस होती है जैसे की फार्ट, उत्तेजना में आकर कुछ नया करने की चाह में कुछ गंदा कर जाना आदि। हालांकि लड़को को अक्सर इस बात का भी डर सताता है कि सेक्स के बाद लड़की उसके साथ कैसा व्यवहार करेगी, उसके साथ रहेगी या एक समय का हिस्सा मानकर उसे छोड़ देगी।