लखनऊ : कुकरैल-पिपराघाट के बीच विगत पांच वर्षी से लम्बित एवम अधूरे पड़े पल के निर्माण पर लगी रोक को हटाते हुए सेना ने निर्माण कार्य पूरा करने पर स्वीकृति मिल जाएगी।
इसी के साथ पिछले डेढ़ साल से बंद पड़े लखनऊ-इलाहाबाद हाइवे सहित पाच प्रोजेक्ट को जल्द ही हरी झंडी मिल सकती है। इन महत्वपूर्ण पांच प्रोजेक्ट में सेना की जमीन आ रही है। जिला प्रशासन और सेना के बीच स्वामित्व कि हस्तांतरण पर सहमति बन गई है। जिला प्रशासन ने तीन स्थानों पर सेना को 17 एकड़की जमीन देने के लिए चिन्हित किया है। फायरिंग रेंज, सरसवांऔर मेमौरा वायुसेना स्टेशन पर यह जमीन है।
बुधवार को सेना और जिला प्रशासन के बीच इसे लेकर एक महत्वपूर्ण र्बठक भी होगी।दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने 12 सितंबर 2016 को ही सेना की भूमि निर्माण पर कार्य करने के लिए अनुमति जारी कर दी थी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जमीन के बदले उतनी ही कीमत की जमीन मुहैया कराने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को नहीं हो सका। जिसके चलते का शुरू नहीं हो सका। पांच महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में सेना की 17 एकड़ जमीन आ रही है।
लखनऊ-रायबरेली रोड पर चार लेन बनाने में 1.332 एकड़ रक्षा मंत्रालय की भूमि आएगी। कुकरैल पुल पर छह लेन फ्लईओवर निर्माण के लिए 9.640 एकड़ और पिपराघाट के निकट गोमती नदी पर सेतु निर्माण के लिए 3.77 एकड़ जमीन आ रही है। इसके साथ ही सीमैप इंस्टीटयूट के पास पुलिया के चौड़ीकरण के लिए सेना की 0.257 एकड जमीन आएगी। सेना भी जमीन हास्तांतरित करने की अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर लिया जाएगा। जिससे लंबित प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो सके।