नई दिल्ली: आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने सेना, पुलिस और दूरसंचार विभाग के टर्म सेल की मदद से अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया। इस पूरे रैकेट के सरगना समेत 11 आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है। यह गिरफ़्तारी लखनऊ, हरदोई, सीतापुर और नई दिल्ली के महरौली से की गई है। एटीएस टीम ने 18 से अधिक सिम बॉक्स समेत अन्य उपकरण भी बरामद किए हैं। डीजीपी जावीद अहमद इस टीम को पुरस्कृत करेंगे।
ATS मुख्यालय पर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में एटीएस के आइजी असीम अरुण ने यह जानकारी दी। गोपनीय सूचना के आधार पर एटीएस टीम ने लखनऊ के अलीगंज के सेक्टर जे में रहने वाले राहुल रस्तोगी, मड़ियांव के शिवेंद्र मिश्रा, अमीनाबाद के हर्षित गुप्ता, राजाजीपुरम निवासी विशाल कड़ और प्रियदर्शनी कॉलोनी में रहने वाले बुलंदशहर निवासी राहुल सिंह को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तीन लैपटाप, 12 सिम बॉक्स, 87 सिम, 25 मोबाइल फोन, डाटा कार्ड और अन्य सामग्री बरामद की है। हरदोई के सरायथोक पश्चिम निवासी विनीत कुमार दीक्षित के कब्जे से दो सिम बॉक्स, 13 सिमकार्ड, दो लैपटाप, दो पेन ड्राइव और चार मोबाइल फोन बरामद किए। सीतापुर जिले से चर्च रोड निवासी रिषी होरा, सुक्खूमल रोड के श्याम बाबू, शमशेर बाग कॉलोनी के उत्तम शुक्ला और सिविल लाइन निवासी विकास वर्मा से 16 स्लाट्स के दो सिम बॉक्स और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
एटीएस के एएसपी राजेश साहनी के नेतृत्व में दिल्ली के महरौली में छापामारी कर सरगना गुलशन सेन को भी दबोच लिया गया। गुलशन सेन ने एटीएस टीम को कई अहम सुराग दिए हैं।
जम्मू-कश्मीर में सेना की कर रहे थे जासूसी
इस गिरोह के तार पाकिस्तान, बांग्लादेश, सऊदी अरब और दुबई से जुड़े हैं। इनके लोग सैन्य अधिकारी बनकर जम्मू-कश्मीर में सेना की जासूसी का प्रयास कर रहे थे। एक दिन कर्नल विक्रम तिवारी नाम से एक फोन पर सेना का मूवमेंट पूछा गया तो इंटेलीजेंस एजेंसी के कान खड़े हो गए। फोन करने वाले का नंबर उत्तर प्रदेश का था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर की मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट ने एटीएस से यह जानकारी साझा की। एटीएस उप्र ने इन नंबरों की जांच में पाया कि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये भारत के बाहर से काल किए जा रहे हैं परंतु डिस्प्ले पर भारत का ही नंबर दिखता है।
आइजी असीम अरुण ने बताया कि अब इस रैकेट का पर्दाफाश होने से जासूसी कर रहे एजेंटों का काम मुश्किल हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय फोन गेटवे से बचकर अब ये काल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए सेना और टर्म सेल के साथ मिलकर अन्य ऑपरेटरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। प्रति मिनट काल पर ये भारत सरकार को 53 पैसे राजस्व की क्षति पहुंचा रहे थे।
समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये धंधा
आइजी और टर्म सेल के अधिकारियों ने बताया कि विदेश से भारत में सस्ते फोन काल करने के लिए कुछ आपराधिक तत्व अवैध रूप से समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे हैं। इसके अंतर्गत विदेश में बैठा व्यक्ति भारत को इंटरनेट कॉल करता है और सिम बाक्स के माध्यम से वायस काल में बदलकर (भारत के जिन नंबर पर) विदेश में बैठा व्यक्ति बात करना चाहता है ये लोग बात करा देते हैं।
स्क्रीन पर विदेशी नंबर की जगह हिंदुस्तान का ही नंबर दिखता है। इस वजह से भारत की सुरक्षा को बड़ा खतरा है।
इंटरनेट से लैंडलाइन या मोबाइल पर कॉल वैध नहीं
टर्म सेल के अधिकारी अशोक कुमार राघव का कहना है कि भारत में इंटरनेट से किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन पर कॉल वैध नहीं है। जो भी कॉल होगी वह भारत सरकार के नियमों के शर्तों के अधीन होनी चाहिए। उनका कहना है कि अगर कोई करीबी या रिश्तेदार विदेश में है और वहां से फोन करे और स्क्रीन पर भारतीय नंबर दिखे तो देशहित और सुरक्षा के लिए इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए टोल फ्री नंबर- 1800110420 दिया है।
कई जिलों में चल रहे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज
असीम अरुण के मुताबिक, एटीएस की टीम ने गहनता से छानबीन में पाया कि लखनऊ, सीतापुर और हरदोई समेत कई जिलों में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चल रहे हैं। लखनऊ के गिरोह का ही संबंध इन सभी से है। इसी आधार पर मंगलवार की देर रात तक छापेमारी कर गिरफ्तारी की गई।