शहीदों को सम्मान देने में सबसे आगे मोदी, आजाद की जन्मस्थली पर पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्रीनई दिल्लीः शहीदों को सम्मान देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे हैं। आजादी के 69 साल बीत गए, कोई प्रधानमंत्री चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली पर झांकने नहीं पहुंचा था, मगर नरेंद्र मोदी ने जरा याद करो कुर्बानी मुहिम का आगाज किया तो उनकी जन्मस्थली पर पहुंचकर। इसी के साथ वे यहां पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। इससे पहले इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क स्थित आजाद के शहादस्थल पर भी मोदी ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी थी, तब भाजपा की इलाहाबाद में मीटिंग रही। अलफ्रेड पार्क पहुंचने वाले भी वे पहले पीएम रहे। कश्मीर हिंसा पर तोड़ी चुप्पीचंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा पहुंचे मोदी ने कश्मीर हिंसा पर पहली बार चुप्पी तोड़ी। बोले, कि जिन बच्चों के हाथ में लैपटॉप, किताब, बैट होना चाहिए, मन में सपने होने चाहिए, उनके हाथ में पत्थर होते हैं। जो आजादी भारत को है, वो कश्मीर को भी है, इसे स्वर्ग बनाना होगा। मुट्ठी भर लोग कश्मीर से
खेल रहेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर हिंदुस्तानी का सपना होता है कि उसे कभी न कभी कश्मीर जाना है। उसके मन में स्वर्गभूमि देखने की इच्छा रखती। मगर, हम देख रहे हैं जो हिंदुस्तान कश्मीर को इतना प्यार करता। वहां कुछ मुट्ठीभर गुमराह लोग कश्मीर को बर्बाद करने में लगे हैं। जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे तो उन्होंने कश्मीर में इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का नारा दिया। जो ताक हिंदुस्तान को वही कश्मीर कोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-मैं चंद्रशेखर आजाद की महान भूमि से कहना चाहता हूं, देश की आजादी के दीवानों ने जो ताकत हिंदुस्तान को दी है, वही ताकत कश्मीर को भी दी है। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। हम कश्मीर के युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। क्रांतिकारियों ने अपना सब कुछ देश को समर्पित कर दिया। हमारा दायित्व बनता है कि हम आजादी दिलाने वाले इन महापुरुषों को याद करते रहें। उन्होंने जिस भारत का सपना देखा, उसे पूरा कर दम लें। शिवराज सरकार ने भाबरा का नाम चंद्रशेखर आजाद नगर कियागुजरात की सीमा से सटी चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली का नाम यूं तो भाबरा रहा। मगर शिवराज सरकार ने इसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया है। कस्बे के जिस मकान में 23 जुलाई 1906 को चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ, उसे स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया गया है। उसे आजाद स्मृति मंदिर नाम दिया गया है।
शहीदों को सम्मान देने में सबसे आगे मोदी, आजाद की जन्मस्थली पर पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री