कहा जाता है हर व्यक्ति का अपना आकर्षण होता है अपने विचार होते हैं। जिस व्यक्ति के जैसे विचार होते हैं वैसे ही विचार वाले व्यक्ति उसके समीप आते हैं। इसीलिए अगर हम सकारात्मक सोचेंगे तो सकारात्मक परिणाम आएंगे। नकारात्मक सोचेंगे तो नकारात्मक परिणाम आएंगे। इसलिए जरूरी है की यदि गिलास में कम पानी है तो खालीपन न देख कर पानी देखना चाहिए। ऐसे ही हम मनुष्य हैं और कोई भी मनुष्य पूर्ण नहीं है उसमें अच्छाइयां भी है बुराइयां भी है। हम क्या लेना चाहते हैं यह हम पर निर्भर करता है। हंस सिर्फ मोती चुनता है । कहने का तात्पर्य यह है कि तालाब में बहुत सारी चीजें होती है पर हंस सिर्फ मोती को चुगता है। ऐसे ही हमें भी अपने जीवन में सिर्फ अच्छाइयों को देखना चाहिए। क्योंकि मनुष्य जीवन में जो कुछ देखता है जो कुछ सोचता है वह वैसा ही बन जाता है। हम दुनिया में अच्छाइयां ढूंढेंगे तो अच्छाइयां मिलेंगी ।
अतः आवश्यकता है कि हम सकारात्मक विचार ग्रहण कर जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखें। सकारात्मक सोच
ना केवल आपके जीवन को वरन हर उस व्यक्ति को जो आपके संपर्क में आता है सकारात्मक बनाएगी। आपके जीवन की परेशानियां तनाव बहुत हद तक कम हो जाएंगे। नफरत की भावना आपके जीवन को परेशानियों से भरती है। आज हमारे देश में मानव मूल्यों का जिस तरह पतन हुआ है। मानवता का हास हुआ है। हम धर्म, जाति,देश के नाम पर लड़ रहे हैं छोटे-बड़े का राग अलाप रहे है। उससे तो यही लगता है की हम सब धर्मों का सार देखें सब अच्छाइयां देखें। फिर बुराइयों को कहीं जगह नहीं मिलेगी। यही सफल जीवन का सच है। जिसे सफलता प्राप्त करनी है उसे अपने जीवन में सकारात्मक सोच लेकर चलना पड़ेगा। सकारात्मक सोच ही हमारे जीवन को सकारात्मक स्वरूप दे सकती है।
(© ज्योति)