बचपन हर व्यक्ति की जिंदगी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बचपन की शरारतें बचपन की मस्ती बचपन के दोस्त बचपन का भोलापन फिर वापस नहीं आता। बचपन को याद करना मतलब और महत्वपूर्ण पलों को याद करना जो आपकी जिंदगी को हंसा जाते हैं। जिसे याद करके आप मुस्कुरा पड़ते हैं। जब बचपन अलविदा होता है तो हम एक ऐसी दुनिया में पहुंचते हैं जहां हमें अच्छे बुरे की पहचान होती है। जहां हम सीखते हैं यह अच्छा है यह बुरा है। यह काम करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। अलविदा बचपन बहुत कुछ दे जाता है ऐसी यादें जो आपकी जिंदगी को खुशनुमा बनाती हैं। तभी लोग कहते हैं की यदि बच्चों के साथ रहोगे तो हमेशा ही बचपन का आनंद लोगे।
बचपन वह दिन है जहां कोई छोटा, बड़ा ऊंचा नीचा नहीं। जहां मन में निश्चलता व पवित्रता का वास हो। अगर मनुष्य हमेशा ऐसा ही रहे तो दुनिया में छल कपट नहीं होगा। चालाकी नहीं होगी कोई किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करेगा। अतः जरूरी है कि हर व्यक्ति बचपन का आनंद ले। बचपन में जो संस्कार हमें मिलते हैं वह हमेशा हमारे साथ चलते हैं। अतः जरूरी है कि हम अपनी जिंदगी को इस तरह जिए की हमेशा हमारा बचपन हमारे साथ रहे हमसे कभी अलविदा ना हो।
क्योंकि जिंदगी जिंदादिली का नाम है जिंदगी नाम है खुश होकर जीने का। बचपन अलविदा हो तो रोक लेना उसे। क्योंकि बचपन बार-बार नहीं मिलता। अपनी जिंदगी में इतनी मासूमियत हमेशा रखें कि आपका बचपन आपसे कभी विदा
ना हो। तभी आपकी जिंदगी हमेशा मुस्कुराती रहेगी।
लेकिन आज हमारे बच्चे समय से पहले बड़े हो रहे हैं। मोबाइल टीवी की दूनिया ने उनका बचपन उनसे छीन लिया है ।यही कारण है वे दुनिया में कई समस्याओं कई मानसिक बीमारियों का सामना कर रहे हैं। बे स्मार्ट तो हो रहे हैं पर अपने बचपन को जी ही नहीं पा रहे हैं। अतः आज जरूरत है कि हम फिर से बच्चों के बचपन को उनसे कभी अलविदा ना होने दें। उन्हें ऐसी शिक्षा दे कि वे अच्छे नागरिक बने।
अलविदा जब से बचपन हुआ
सब कहते हैं हम बड़े हो गए
सब समझाने लगे हम बड़े हो गए
दुनिया हमें चीजें सिखाने लगी ।
( ©ज्योति)