प्रथम नवरात्र - देवी के शैलपुत्री रूपकी उपासनाआज सभी नेविधि विधान और सम्मानपूर्वक अपने पितृगणों को “पुनः आगमन” की प्रार्थना के साथविदा किया है और कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से कलश स्थापना के साथ ही वासन्तिक नवरात्रोंका आरम्भ हो जाएगा | भारतीय दर्शन की “प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं” की उदात्त भावना के