नई दिल्ली : सहारा सेबी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट को 19 जून तक पैसे नहीं मिले तो सहारा प्रमुख को फिर से जेल जाना पड़ेगा। सर्वोच्च न्यायलय एंबी वैली को नीलाम करने की पहले ही चेतावनी दे चुका है। सहारा ने 1500 और 550 करोड़ के दो पोस्ट डेटेड चेक दाखिल किए हैं, जिनके 19 जून तक कैश न होने पर कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेजने की चेतावनी दी है।
अदालत ने पहले ही सुब्रत रॉय को जेल भेजने की दी थी चेतावनी इससे पहले इस मामले में 12 जनवरी को समूह ने कोर्ट में कहा कि उसे नोटबंदी के चलते पैसा जुटाने में परेशानी हो रही है, लेकिन अदालत ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने यह संकेत भी दिए कि वक्त पर पैसा जमा न करने पर सुब्रत रॉय को फिर जेल भेज दिया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी। मालूम हो कि तिहाड़ जेल में 2 साल बिताने के बाद सुब्रत रॉय पिछले साल मई में तब बाहर आ पाए थे, जब उनकी मां का निधन हो गया था। उनका परोल इस शर्त पर बढ़ाया गया था कि वह निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए समय-समय पर सेबी के पास रकम जमा कराते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद अगर सहारा समूह वक्त पर 600 करोड़ रुपये पैसा जमा नहीं करा पाता है तो सुब्रत रॉय को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है।
गैर जमानती वॉरंट निरस्त करने की सहारा ने दी थी अर्जी
बता दें कि सहारा प्रमुख को 21 अप्रैल को अदालत से बड़ी राहत मिली थी। सेबी की अदालत ने 31 मार्च को सुब्रत रॉय के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था। इसके बाद 21 अप्रैल को अदालत में सहारा के वकीलों ने गैर जमानती वॉरंट निरस्त करने की अर्जी दी थी। अदालत ने इस शर्त पर गैर जमानती वॉरंट निरस्त कर दिया था कि जब भी जरूरत होगी सुब्रत रॉय को अदालत में हाजिर रहना होगा। वहीं सहारा पर आम जनता का आरोप है कि स्वयं सहारा व उनकी कंपनी एक फ्रॉड है इसने गरीबो से पैसे तो लिये पर उन्हें दिया कुछ नहीं, इसकी कंपनी मे जिन लोगो ने पैसे फिक्स्ड किये हैं मियाद पूरी होने पे लोगों को पैसा नहीं देते हैं और उसे स्वयं ही रिन्यू कर देते हैं। इस तरह सारा गरीब जनता का पैसा कागजों में ही रह जाता है, और गरीब का पैसा उसे नहीं मिलता है।