
लखनऊ : उत्तरप्रदेश में समाजवादी का कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों की माने तो शिवपाल के समर्थक अब रामगोपाल पर भी कार्रवाई करने की मांग कर रहे है और आगामी समय में समर्थकों में यह संदेश देने के लिए उनपर कार्रवाई की जा सकती है। रामगोपाल भी भलीभांति जानते हैं कि संगठन और सरकार पर शिवपाल हावी हुए तो दूध में गिरी मक्खी की तरह उन्हें या तो निकाल फेंकेंगे, नहीं तो हाशिए पर डाल देंगे। वजह कि पार्टी में चचेरे भाई एक दूसरे को सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मानते हैं। जब चुनाव में जीत के बाद 2012 में मुलायम के अस्वस्थ होने व केंद्रीय राजनीति में ही सेट होने के फैसले के बाद शिवपाल के मुख्यमंत्री बनने की बात तय मानी जा रही थी। तब रामगोपाल ने नेताजी के कान में ऐसा मंत्र फूंका कि भातृप्रेम को दरकिनार कर पुत्रमोह में फंस गए और बेटे अखिलेश को यूपी की गद्दी सौंप दी।
शिवपाल का पत्ता काटने के लिए तब रामगोपाल ने बेटे अखिलेश के भविष्य की दुहाई दी थी। नेताजी को भी लगा था कि कहीं वे टपक गए तो रामजाने बेटे का ही पत्ता मठाधीश लोग न कुतर दें। तब से रामगोपाल कुछ ज्यादा ही शिवपाल के आंख की किरकिरी बन गए। इस बीच रामगोपाल ने गृहक्षेत्र में भी शिवपाल को धूल चटा दी।शिवपाल के विरोध के बाद भी इटावा नगरपालिका के चेयरमैन पद पर अपने आदमी कुलदीप गुप्ता संटू को बैठा दिया। जयगुरुदेव की अरबों-खरबों की संपत्ति हथियाने के लिए दोनों चचेरे भाईयों ने अपने-अपने चेलों को लड़ाया। जवाहरबाग का खूनी संघर्ष इनके शीतयुद्ध का ही नतीजा था। इधर बीच जब अखिलेश ने सौतेले भाई प्रतीक के फाइनेंसर गायत्री प्रसाद को घायल किया तो दर्द सबसे ज्यादा साधना गुप्ता को हुआ। साधना की अखिलेश से नाराजगी को अमर सिंह ने भांपने में देरी नहीं की।
तुरंत शिवपाल से इस नाराजगी को भुनाने को कहा। हाशिये पर जब कोई शख्स चला जाता है तो उसे बहकाना और भड़काना आसान होता है। बस शिवपाल ने भाभीजी यानी साधना के जरिए मुलायम पर दबाव बनवाया, सम्मान की दुहाई दी। यहां मुलायम के पुत्रमोह पर पत्नी प्रेम भारी पड़ा, जिस बेटे को खुद प्रदेश अध्यक्ष बनाया था उससे पद छीनकर साधना की सलाह पर शिवपाल को सौंप दिया मगर बेटा भी कहां अमूलबेबी था। चार साल सियासी मकड़जाल में उलझे उसके दूध के दांत न केवल टूट गए थे बल्कि अक्ल के दांत भी आने लगे। पापा और चाचा की क्रिया पर साइंस के स्टूडेंट रहे अखिलेश ने न्यूटन के प्रतिक्रिया का ऐसा फार्मूला मारा कि अंकल अमर को भी कहना पड़ गया कि....अखिलेश अब बच्चे नहीं रहे।