भारत में वीरता के लिए दिए जानेवाले सर्वोच्च सैन्य पदक परमवीर चक्र को हासिल करनेवाले 21 जाँबाज फौजियों की हैरतअंगेज कहानियाँ। फिर वे तीसरा हमला बोल देते हैं। अब तक पलटन के करीब-करीब आधे जवान मारे जा चुके हैं और गोला-बारूद भी खत्म होने के कगार पर आ गया है। अपनी चोट के बावजूद जोगिंदर सिंह खुद हाथ में लाइट मशीनगन उठाकर दुश्मनों पर गोलियाँ चलाना शुरू कर देते हैं और जितनों को मार गिरा सकते हैं, मार गिराते हैं। जल्द ही सारा गोला-बारूद खत्म हो जाता है। चीनी उनके साहस को देखकर स्तब्ध रह जाते हैं। संख्या में कम होने के बावजूद उनमें हिम्मत की कमी नहीं है। लंबी दाढ़ी और पगड़ी पहने ऐसे खतरनाक सिख लड़ाके चीनियों ने पहले कभी नहीं देखे थे। पहले दुबले लेकिन तेज-तर्रार जोगिंदर सिंह की अगुवाई में बचे-खुचे सैनिक चीनियों पर झपट पड़ते हैं।...जोगिंदर सिंह की हिम्मत से प्रेरित होकर वे सभी चीनियों पर झपट पड़ते हैं और मरने से पहले अपनी संगीनों से जितने चीनियों को हलाक कर सकते हैं, करने की कोशिश करते हैं। आखिरकार एक-एक जवान मारा जाता है।
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