स्टूडेंट
गली गली में स्टूडेंट हो रहे
रोड रोड पर डवलपमेंट हो रहे
मोहल्ले में भी अब लबरमेंट हो रहे
कॉलेजो में भी अब एक्सपेरिमेंट हो रहे
घरों घरों में अब रेस्टोरेंट हो रहे
सड़क भी अब तो गवर्नमेंट हो रहे
जगह जगह अब नैनो मेन्ट हो रहे
बड़ी मुश्किल से बच्चे अब रेफ़्रीमेन्ट हो रहे
बचपन से ही अब बच्चे मेट मेन्ट कर रहे
गली गली में अब स्टूडेंट हो रहे
खेल खेल में भी अब मेनटिनेंट हो रहा
कॉलेज की गलियों में भी अब
अनेको कवेर्नमेंट हो रहा
गली गली में अब स्टूडेंट हो रहे ॥॥
मासूमियत
मैंने अपने मासूमियत से
अपनी ज़िन्दगी में किया था दोस्ती
कभी मेरी ज़िन्दगी में थे वो दिन
जब हम दोनों साथ में खाते
मैंने ऐसे दोस्ती के रिश्तों को
मिनटों में बर्बाद किया
गलती थी छोटी सी उसकी
की उसने ही मुझे बर्बाद कह दिया
आज वो ऐसे दिन न रहे
की मई उससे बोल भी दूँ
बल्कि अब तो इतना दुआ
की उसकी तरफ ऑंखें मुड़ती नहीं
मोड़ने के भी कोशिश ने
ऑंखें खुद ही पलट जाती है
ये थी मेरी दस साल की थी मेरी ये दोस्ती
पलों पल में मैंने अपनी ज़िन्दगी सवारा
त्याग दिया इस दोस्ती को
क्यों की मसाल बुझ गया मेरी दोस्ती का ॥॥