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स्वभाव

3 मई 2022

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स्वभाव

मेरा स्वभाव मेरी किताबों से पूछो

दिल दर्द मेरा किताबों से पूछो

हाल बेहाल मेरा कविता से पूछो

पूछो जरा दर्द क्या होता है

जानो जरा बेहाल क्या होता है

सोचो जरा लगाव क्या होता है

जिसने किया नहीं मोहब्बत मेरी कविता से

कर नहीं सकता वो कुछ मेरे प्राणों को

सोच रहा हु बैठे वो आशिकी

दिल दर्द हो रहा है

जिसने सपनों में पाया नहीं तारे

वो चाँद का क्या ख्वाब देखे

जिसने सोचा नहीं झोपडी

वो मंजिल का क्या ख्वाब देखे

राहुल की मंजिलें देखती है ये कविता

मेरे सपनों में रहती है कविता

मेरे ख्वाबों को चूमती है ये कविता ॥॥॥

ऐ -ज़िंदगी

ऐ ज़िंदगी तू इतनी खुद्दार क्यों है

ऐ ज़िन्दगी तू इतनी बेजान क्यों है

न कुछ गिला है न कोई है शिकवा

बस ऐ ज़िन्दगी एक ही है शिकायत

दिए है जो गम तूने जवानी में

मत दोहरा अब तू उसे यहाँ

ऐ ज़िन्दगी तुझसे कितनी शिकायत है

तूने तो कभी मुझे देखा भी नहीं

इतना गम मुझे देकर भी तूने .

मै कैसे भूल जाऊ ऐ ज़िन्दगी ॥॥॥
Monika Garg

Monika Garg

बहुत सुंदर रचना कृप्या मेरी रचना को पढ़कर समीक्षा दें https://shabd.in/books/10080388

3 मई 2022

RAHUL Nitin Gupta

RAHUL Nitin Gupta

6 मई 2022

Ji Jarur

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रचनाएँ
दीवानापन (Deewanapan)
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मैं इस पुस्तक के माध्यम से कहना चाहता हूं कि प्यार कोई अपराध नहीं है लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाते हैं। लोग कहते हैं कि आजकल सच्चा प्यार कौन है, लेकिन मैं सभी से पूछना चाहता हूं। क्या आप भी ऐसे हैं जो अपने वादे पर खरे उतर सकते हैं। इस किताब के माध्यम से प्यार को एक मंजिल के रूप में लिखना। इस किताब में मेरा मतलब है कि किसी लड़की या प्राणी या विशेष के लिए कोई प्यार नहीं है मेरा मतलब है कि प्यार का मतलब अपने लक्ष्य से प्यार करना है, प्यार का मतलब प्यार करना है। अपनी धरती अपनी मातृभूमि, अगर आप प्यार करना चाहते हैं, तो अपने देश से करो, अपनी मातृभूमि से करो।
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परिचय

1 मई 2022
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परिचयमै अपनी किताब के माध्यम से किसी ब्यक्ति बिशेष को आहत करना नहीं चाहता हु।और नही यह मेरा उद्देश्य है मै बताना चाहुगा की जो समाज में चल रहा है मै केवल उसे ही सबके सामने रखना चहुंगा चाहे वो किसी पोलि

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बन्दे मातरम

1 मई 2022
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बन्दे मातरमकरना था जिन्हे बन्दे मातरमवही अब पिए जा रहे हैनेताओं के घर बात रही है मिठाइयांजनता जनार्दन पिस्ते जा रहे है ॥करना था जिन्हे बन्दे मातरमयुवा भी अब तो पिए जा रहे हैबड़े ऊपर जा रहे हैछोटे पिस्त

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कोशिश

1 मई 2022
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कोशिश कोशिशे इंसान को बढ़ना सिखाती हैस्वप्ना के परदे निगाहों से हटाती हैहौसला मत हर गिर ओ मुसाफिरठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैसाधना में दिन तपे है रात दिनकोशिशे ही लक्ष्य को नजदीक ला

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कहा तुम चले गए 

1 मई 2022
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कहा तुम चले गए कहा तुम चले गए,जाने कहा तुम चले गएजिंदगी का ये बोझ देकर हमें,अपने सरे गम देकर हमेंजाने कहा तुम चले गए,हम तो खुद ही मर चुके थेतुमने न जाने ये कैसा बोझ दिया,न जाने मै उठा पाउँगान जान

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  ऐ वक़्त

1 मई 2022
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ऐ वक़्तऐ सुन तो जरा दिन तपाये है रात -दिनमैंने दुनिआ की भीड़ में सिर्फ तुझे ही देखाऐ सुन जरा तुझसे कुछ कहना अभी बाकि हैहोश उड़ गए तेरे ख्वाब में रात हुई दिन हुआपर हमें खबर तक नहीं ,तेरी चाहत ने मुझे इस क

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जो साथ मेरे चल सको तो चलो

1 मई 2022
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जो साथ मेरे चल सको तो चलोजो साथ मेरे चल सको तो चलो ,हम न जाने कहा छूट जायेहमें पकड़ कर चल सको तो चलो ,भरोसा रखो इन कंधो पर ,न पछताओगे तुम कभी ,चलना है अगर सफर में चलोमेरा बाह पकड़ कर तुम चलोहम न जाने कि

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सितारे

1 मई 2022
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सितारेइन चाँद सितारों की दुनिआ में सूरज कहा से उगता हैसमय के आने पर ही इस दुनिआ में सब कुछ बनता हैइन चाँद सितारों की दुनिआ में रोसन कहा पर बिकता हैमेरे जीवन का जखम कहा रोता हैइन चाँद सि

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मेरी – बहना

1 मई 2022
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मेरी – बहनाओह मेरी गुड़िया ओह मेरी बिटिया ओह मेरी बहनाजा रही हो जिस घर में तुमएक नया यह जनम तुम्हारा हैथी तुम तो मेरी प्यारी बहनापर रहकर माँ का फर्ज निभाया हैमैं बाप का फर्ज न पूरा कर पायाओह

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इंतज़ार आपका

1 मई 2022
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इंतज़ार आपकाज़िन्दगी में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार आपकाकब तक आओगे मेरे लाल इंतज़ार आपकाकुछ आहट दे देना पापा को तुमपरदेश की नौकरी से छुट्टी लेके आ जाये पापा आपके ज़िन्दगी में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार आपकाकुछ

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इतवार होना चाहिए

1 मई 2022
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इतवार होना चाहिएहम यारों का भी इतवार होना चाहिए हफ्ते में न सही लेकिन महीने में हीएक इतवार होना चाहिए कभी जब बैठता हुतो यादों के गम आँखों में आ जाते हैयारों का भी इतवार होना चाहिएवोह चाय की चुस्क

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वो लोग

2 मई 2022
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वो लोगजो हमें दे गए वतन वो लोग कुछ और थेवो लोग कुछ और थे जो हमें चंद सांसे दे गएवो लोग कुछ&nbsp

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साथ तेरा हो साथिया

2 मई 2022
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साथ तेरा हो साथिया साथ तेरा हो साथिया दुनिया की हर जंग जीत मैं जाउगा , मुबारक हो तुझको मेरी धड़कन आज का यह पल , हर पल जीवन के साथ हो तेर

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कट रही ज़िन्दगी

2 मई 2022
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कट रही ज़िन्दगीयू तो कट रही ज़िन्दगीमालूम नहीं होता क्या होगाबस इतना पता है की हमेंहमारी मंजिल बुला रही हैदुनिया&nbsp

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लम्हे

2 मई 2022
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लम्हेउन्ही कहीं लम्हों में थी ज़िंदगानीजिसे सोच रहा है "राहुल दीवाना "बस घाव है उनकी परछाई कीयाद करना है उ

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बर्दास्त

2 मई 2022
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बर्दास्तदोस्ती के ये गम कभीभूल न हम पाएंगेहम दोस्त तुमसेजुदाई बर्दास्त कर नहीं पाएंगेज़िन्दगी के सिखर को उस&nb

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स्टूडेंट

2 मई 2022
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स्टूडेंटगली गली में स्टूडेंट हो रहेरोड रोड पर डवलपमेंट हो रहेमोहल्ले में भी अब लबरमेंट हो रहेकॉलेजो में भी&nbs

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नशीब

2 मई 2022
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नशीबन रुक्ख बदलते है न मौसम बदलते हैजाने क्यों लोग ही बदल जाते हैपर हा मुझे याद् है इस ज़िन्दगी मेंसु

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गुरु

2 मई 2022
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गुरुगुरु कृपा एक रूप है ऐसीजिसमे झूमे जग सारागुरु बिन ज्ञान न हो शिक्षागुरु एक नाम है ऐसाजिसमे गुथे जिसमे

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जीभर

2 मई 2022
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जीभरलोगों ने जीभर कर रोयेजब उठा वहा से जनाजा मेरालोगों ने जीभर कर बतलायाजब खोदी गयी कब्र मेरीरोया लोगों न

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जीना है

2 मई 2022
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जीना हैकाँटों पर चलकर हमें ज़िन्दगी जीना हैशायद हर लम्हे हर पल मुझे हमेशा याद् आते हैज़िन्दगी का ये पूरा पि

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जरा देख के

2 मई 2022
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जरा देख केजरा देख के चलों यारों ,भीड़ बहुत है दुनिया मेंजरा संभल कर चलो यारों,फिसलकर गिर न जाओ कहीकुछ मिल

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नशीब

2 मई 2022
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नशीबन रुक्ख बदलते है न मौसम बदलते हैजाने क्यों लोग ही बदल जाते हैपर हा मुझे याद् है इस ज़िन्दगी मेंसु

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स्त्री 

2 मई 2022
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स्त्री दर्द बहुत सभाले है मैंनेसोचा था बड़े होकर कुछ बन कर दिखाउंगीदिन रात एक करके कुछ दुनिया में नाम&nbsp

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ज़िन्दगी है या मजाक

2 मई 2022
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ज़िन्दगी है या मजाकक्या लिख दू ऐ ज़िन्दगीऐ ज़िन्दगी या मजाक हैक्या लिख दू मै इस कलमकी स्याही से या अपने खून

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जीना सीखा

2 मई 2022
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जीना सीखाज़िन्दगी हर किसी को जीना सीखा देती हैकोई मरहम लगाकर जीना सिख लेता हैकोई मरकर ज़िन्दगी जीना सिख लेता&nbs

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गुजारिश

3 मई 2022
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गुजारिशन शिकवा न गुजारिशखुदा से है अरमान ,मेरी कस्ती क्यों जलीजला क्यों मेरे अरमानजल रहा जवानी की आग मेंपर&nbs

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लालिमा

3 मई 2022
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लालिमाछोड़ जाना है ये लालिमाअब तेरे इस सहर मेंजिस तरह से बरसातछोड़ देता है अपनी बूदों कोछोड़ जाना है मुझे प्रकाशअब तेरे इस सहर मेंजिस तरह से पौधेनए पत्ते निकलते पुराने पत्ते छोड़ देते हैलेकर हमें जाना है

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मजदूर

3 मई 2022
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मजदूर मेहनत कश मजदूरों से सिखोंत्याग तपस्या से धन अर्जन करनासबसे ज्यादा मेहनत करने पर भीपेट भर रोटी न मिल पानाअपने दिन पर रो रहे हैपूछो इनसे इनका कारणमजदूरों के ही सहारेखड़ी है दुनिया इनके बल सेअप

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आंखे मेरी

3 मई 2022
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आंखे मेरीखुली है आंखे मेरीआईना तलाश न करमेरे भी शिवा कोई आशना तलाश न करसितारे तोड़ने हो तो बुलंदियां तय करजमी पर जाने वफ़ा आशमा तलाश न करकही पड़ न जाए तेरा खुद वजूद खतरे मेंमुझे जलने को तू बिजलियाँ

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रुक्ख

3 मई 2022
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रुक्खरुक्ख मोड़ लेती है ये ज़िंदगीमुख मोड़ लेती है ये ज़िन्दगीतभी हर कोई सिख लेता है ज़िंदगोदर दर पर बदलती&nbs

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स्वभाव

3 मई 2022
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स्वभावमेरा स्वभाव मेरी किताबों से पूछोदिल दर्द मेरा किताबों से पूछोहाल बेहाल मेरा कविता से पूछोपूछो जरा दर्द क्या होता हैजानो जरा बेहाल क्या होता हैसोचो जरा लगाव क्या होता हैजिसने किया नहीं मोहब्बत मे

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छोटी- ज़िन्दगी

3 मई 2022
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छोटी- ज़िन्दगीछोटी सी है ज़िन्दगीइसमें कोई नया मिल जाता हैफिर कुछ सुरु होता हैहोते होते ये क्या होता हैकी कोई&nb

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जिन्दगी को पतंग न बनने दो

3 मई 2022
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जिन्दगी को पतंग न बनने दोजिन्दगी को पतंग न बनने दो ,डोर किसी और को थमानी पडेगी।खुले आसमान में उड़ाने की ख़्वाहिश,किसी और के दिल में जगानी पड़ेगी।।होंगे हजारों काटने को बेताब ,खेल बनकर रह जाएगी जिन्दगी।एक

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एक -तमाशा

3 मई 2022
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एक -तमाशादुनिया एक तमाशा हैये आशा और निराशा हैरंगीन खूब है लेकिनकोई गाढ़ा कोई हल्कादुनिया एक तमाशा हैफूल तो यहा

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मेरी मान मेरी धड़कन

5 मई 2022
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मेरी मान मेरी धड़कनचिलम के अंगारे जैसे तेरे गुलाबी होठ ,इंद्रा धनुष के रंग जैसे तेरे गाल ,सुराही में पानी छलकता जैसे तेरी कमर ,आस्मां में चमकते सितारेजैसे तेरे बाल ,मुस्कान तेरी जैसे सुबह के सूरज का नि

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तुमसे मुलाकात होगी

5 मई 2022
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तुमसे मुलाकात होगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात होगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात होगीतुम बैठोगी सामने मेरे ,मुझे शर्म बहुत आएगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात होगी !मैं चाहकर भी तुम्हे छू न पाउगा लेकिनछूना है मुझे चा

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तुम नाराज न होना

5 मई 2022
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तुम नाराज न होनादुनिया रूठे लेकिन तुम नाराज न होनातुम नाराज न होना मेरी पहली मोहब्बत हो तुमइस तरह मुझसे नाराज न होना ,मैं रुठु हर बार मना तुम लेना मुझकोलेकिन दुनिया रूठे मुझसे तुम नाराज न होनामेरी ज़िन

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हमदम

6 मई 2022
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हमदमआ जाओ आ जाओ मेरे पास मेरे हमदमआ जाओ आ जाओ मेरी सांसों में बिखर जाओबन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओआ जाओ आ जाओ मेरे पास मेरे हमदमकिसी रात सर रख कर सो जाऊ तेरी गोद मेंफिर उस रात के बाद कभी सुबह न हो

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चाँद

6 मई 2022
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चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से है ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेराइस जहा में इंसानों ने सब कुछ तो बाँट दिया हैईश्वर बांटे बाँट दिया जानवर बाँट दिया संसारऐ चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से हैख्वाब

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बेटी की शादी

6 मई 2022
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मैंने देखा है लोगो को बेटी की शादी में कर्जदार होते लेकिन मैं तो खुद की शादी में कर्जदार हो गया ....

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भूले

6 मई 2022
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भूलेभूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला&

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महफ़िल

6 मई 2022
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महफ़िलयादों की महफ़िल में ज़िन्दगीमेरी ज़िन्दगी एक चिता बन गयीसोच सोच कर मेरी खोपड़ीएक सील सिला बन गयीशायद ज़िन्दगी&

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गुनाह

6 मई 2022
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तुमसे बात न करू तो गुनाह मेरा होगाअजब सी है मुस्कान तुम्हारी जो रंग ला देती हैथक गया था ज़िन्दगी से मैं जब तुम मुझे मिलेखिल सी गयी ज़िन्दगी मेरी जब से साथ आप हो .....!!

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हाल आए दिल सनम

6 मई 2022
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कितनी अजीब है न ज़िन्दगी ,कितनी गरीब है न ज़िन्दगीकितने सौक कितने रिश्ते रुस्वा किये है हमनेये तो हमी से पूछो हाल आए दिल सनम !!

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तुम मिली

6 मई 2022
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तुम मिली मैं मिला खुदा ने मिला दियाये सौभाग्य मेरा है की तुम मुझे मिलीवरना दुनिया मुझे झेल पाए ऐसी कोई पैदा भी न हुई अब तकसुनो मेरे दिल की धड़कनो को आए मेरे सनम ,तुम मेरे हो तो समझ जाओगे गर किसी के और

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रीती रिवाज

6 मई 2022
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दुनिया की कोई ऐसी रीती रिवाज नहीं है जो मुझे मेरे मंजिल से रोके वहा जाने सेमैं कोई ऐसा वैसा नहीं जो पैर कही पर रख दू .मैं खुद का दीवाना हु जो आग में भी जलकर चल सकता हु !!!

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गम

6 मई 2022
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गम क्या कुछ गम हैजो अब तक छुपाये बैठे होकह दो न इनमे,क्यों मुस्कराये से तुम बैठे होशायद अब यह चाहमेरी अब यह पसंद बन गयी हैकवि न होते हुए , अब मै कविवर बन गया हुक्या है दिल में,दिल से यही एक आवाज

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भूले

6 मई 2022
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भूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला&nbsp

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सोहरत

6 मई 2022
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सोहरतकौन सारे अपसाने देखता हैकौन सितम कौन तारे देखता हैन कोई सितम बस ये शिकायत हैभरी जवानी में आपकी ये&nb

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नौकरी

6 मई 2022
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नौकरीदो दिलों को पागल कर दिया ये प्रदेश की नौकरी वोह भी उधर पागल हुई मैं भी इधर पागल हुआ !!!घर के लोगों के हर बात के ताने उसे यूँ ही पागल कर दिया प्रदेश की ये नौकरी मुझे यूँ ही कुछ कहने लगी

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मर्द

6 मई 2022
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मर्दकभी के इस दर्द नेमुझे मर्द बना दियामेरी बर्बादी ही मुझेदे चली है अब गमशायद मैंने अपने सपनों मेंपैर का

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उस पगली की उन यादों में

6 मई 2022
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रातों रात मैं भटका हु उस पगली की उन यादों में जब हम बैठा करते थे घर की छत पर हमेशा कुछ न कुछ ख्वाब देखा करता था रातों रात मैं भटका हु उस पगली की उन यादों में !!

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छोड़ देंगे नौकरी

6 मई 2022
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बात सही लगे तो हां जी हां जी करना बस यही करने मुझे नौकरी में न आया खुदा की मर्जी अगर हुई तो छोड़ देंगे नौकरी लेकिन जबरदस्ती हा जी हां जी न करेंगे ....

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टहनी

7 मई 2022
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मैं पेड़ की टूटी हुई वोह टहनी हु जो जब गिरता हु तोह खुद पेड़ बन जाता हु ....!!!

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तारीफ

8 मई 2022
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कही भी मै रहू बसमुझे तेरा मुखड़ा नजर अाता हैसोचु मै क्या बसइसे सोचने से होता है क्याजहा कही भी रहू बसतेरी याद मुझे बुलाती हैजब भी तुम्हे सोचु बस तेरा चेहरा सामने आ जाता हैकही पर भी मै चलु बसतेरी य

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दर्द हो जब दिल भरा

8 मई 2022
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दर्द हो जब दिल भराकाँटों की क्या जरुरत हैअगर साथ है दिल अपनातो औरों की क्या जरुरत हैजिस कविता में कवी का रहम होउसमे पेन की क्या जरुरत हैजिस डॉक्टर के दिल में हो भरी दर्दउसको ब्लेड की क्या जरुरत हैअगर

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क्यों सो जाऊ

8 मई 2022
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क्यों सो जाऊ क्यों सो जाऊचंदा अभी भी सोया नहींचांदनी संग जग सकता हैतारे संग ही सो सकता हैक्यों सो जाऊ क्यों सो जाऊजब कविवर की कविता सोई नहींचंदा अभी भी जग सकता हैआसमान में खिल सकता हैधरती पर भी वोह छा

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चंदा न मिला

8 मई 2022
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मिल गया चाँद पर चंदा न मिलामिल गया संसार पर कोई अपना न मिलादेखा तो सब कुछ पर कोई सपना न मिलाढूढ़ा तो अपना पर कोई अपना न मिलासोचा जो खवाबों को उसमे रहम न मिलादेखा तो चांदनी को पर चाँद न मिलासोचा तो सूरज

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दीवाना हो गया

8 मई 2022
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दीवाना अब मै दीवाना हो गयाइस दुनिया को त्याग सब कुछ त्यागाअब तो ये बस ख्वाबों का दीवाना हो गयादेख कर सारा खामयाजा कुछ हो गयाबस हो चूका अब ये "राहुल दीवाना" हो गयासांसों में छिपाकर यादों में लाकरबीते ल

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माँ

8 मई 2022
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माँ बाप ने जन्म दिया बेटे कोलगी अंचल में सुलझाने माँ बेटे कोगीले में सोकर सूखे में सुलाती माँ बेटे कोपेट नहीं भरा होगा फिर पेट भरा माँ बेटे काखुद के तन पर कपडे नहीं लेकिन ढाका माँ बेटे कालगी संजोने सप

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