मै अपनी किताब के माध्यम से किसी ब्यक्ति बिशेष को आहत करना नहीं चाहता हु।और नही यह मेरा उद्देश्य है मै बताना चाहुगा की जो समाज में चल रहा है मै केवल उसे ही सबके सामने रखना चहुंगा चाहे वो किसी पोलिटिकल पार्टी से हो,चाहे वो किसी धर्म से या समुदाय से हो। बस मै इतना ही अपनी किताब के माधयम से कहना चाहुगा की क्या चल रहा है और क्या इसका रिसल्ट होगा मै बस इतना ही बताने की कोशिश करना चाहुगा । मै किसी को भी यह नहीं चाहता की उसको किसी प्रकार का कोई ठेश हो।और किसी को होता भी है तो वो केवल गलत होगा।तभी उसे मेरी लेखनी पर संदेह होगा या फिर उसे अज्ञानता होगी! मुझसे भी गलती हो सकती है। मेरी लेखनी में कुछ गलती हो सकती है लेकिन मै यह नहीं कह सकता हु की मै गलत हु क्योंकी मै अपनी इस किताब में हर चीजों को प्रूफ कर कर दिखाऊंगा॥ और इसे पड़ने वाले आसानी से समझ सकेंगे मै ऐसी अपेछा करता हु अपने प्रिय पड़ने वालों से॥मै अपनी किताब में किसी भी धर्म या फिर किसी भी समुदाय को दर्द देना नहीं है मै जो भी देख रहा हु। केवल उसे ही सहीऔर करमबध्य तरीके से सुचारु रूप से बताने की कोशिश कर रहा हु॥ हमारे भारत वर्ष में मै देखता हु की हमारे यहाँ जितने जिले है जितने विलेज है जितने भी घर है शायद उतनी भाषा है गुजरात आप जाओतो गुजराती है पंजाब जाओ तो पंजाबी है उत्तर प्रदेश जाओ तो हिंदी बिहार जाओ तो हिंदीओडिशा जाओ तो उड़िया कर्नाटक जाओ तो कनन्ड़ तमिलनाडु जाओ तो तमिलऔरभीबहुत ... ॥यहाँ परआपको जाने परआपको इनकी भाषा आनी चाहिए।नहीं आती है तब भीआप घूम सकते है लेकिन हो सकता है की उनकी भाषा पर आपको कम पैसे में ही काम हो जाये या फिर ऐसा है की जो भी आप काम करना चाहते है वोह भी बहुत अच्छी तरह से हो जाये॥क्युकी मै समझताहु की यदि आप कही भी जा रहे है अपने घर से आप २००० या २५००किलोमीटरदूर है तो आपको अपना कोई नहीं है इसलिए आपको उनसे मिलना तो पड़ेगा पर आपको उनकी भाषा नहीं आती और आपको उनकी बहसः नहीं आती है मेरा मतलब की मिस अंडरस्टैंडिंग होगी आप दोनों में तो जो भी आप करना चाहते है उसे आप कैसे करेंगे॥इस के लिए आपको ही उनके लिए बदलना होगा॥आप को उनकी भाषा में ढालना होगा।मै इसलिए ये बात करना चाहता हु की हिंदी हमारी चल तो रही है लेकिन अब बिलुप्त हो रही है।कुछ इंग्लिश ने कब्ज़ा कर लिए हैऔर कुछ ये पर्सोनेललैंग्वेज॥हर ब्यक्ति को हिंदी भी जरूर आनी चाहिए ऐसा हमें एक कमी नजर आती है।क्योंकी मै बहुत जगह जाता रहता हु तो वहा पर लोगों को हिंदी नहीं आती हैऔर कुछ तो ऐसी जगह है जहा पर हिंदी नहीं आती है लेकिन इंग्लिश आनी चाहिए।पर जिसे मजदुर आदमी है उसे तो इंग्लिश भी नहीं आती है और उसकी लोकल लैंग्वेज भी तब वोह क्या करे॥
मैं इस पुस्तक के माध्यम से कहना चाहता हूं कि प्यार कोई अपराध नहीं है लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाते हैं। लोग कहते हैं कि आजकल सच्चा प्यार कौन है, लेकिन मैं सभी से पूछना चाहता हूं। क्या आप भी ऐसे हैं जो अपने वादे पर खरे उतर सकते हैं। इस किताब के माध्यम से प्यार को एक मंजिल के रूप में लिखना। इस किताब में मेरा मतलब है कि किसी लड़की या प्राणी या विशेष के लिए कोई प्यार नहीं है मेरा मतलब है कि प्यार का मतलब अपने लक्ष्य से प्यार करना है, प्यार का मतलब प्यार करना है। अपनी धरती अपनी मातृभूमि, अगर आप प्यार करना चाहते हैं, तो अपने देश से करो, अपनी मातृभूमि से करो।