नई दिल्ली : जिस घाटी के लोग सीमा सुरक्षा बल ( BSF ) से नफरत करते हैं और उसे कश्मीर से हटाने की मांग करते है. उस राज्य की अवाम के बीच रहने वाले उधमसिंह नगर जिले के एक युवक ने BSF की सहायक कमांडेंट परीक्षा में टॉप कर देश की जनता को यह संदेश दे दिया है कि नफरत में भी प्रेम पनपता है.
हुर्रियत नेताओं के नसीहत है वानी
इस बीएसएफ की सहायक कमांडेंट परीक्षा के टॉपर नबील अहमद वानी से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मुलाकात करने के बाद अपने एक ट्वीट में कहा है कि नबील की सफलता दिखाती है कि जम्मू और कश्मीर के युवाओं में काफी प्रतिभा है. उन्होंने कहा नबील कश्मीरी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर का टॉपर वानी उस हुर्रियत कौम के लिए भी नसीहत है, जो आये दिन घाटी में रहकर BSF के जवानों पर पथराव कर उन्हें घायल करते रहते हैं.
BSF प्रमुख ने कराई नबील कि सिंह से मुलाकात
बीएसएफ प्रमुख केके शर्मा खुद जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निवासी नबील को लेकर गृहमंत्री के पास पहुंचे थे. बाद में नबील को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा संबंधी बैठक में भी बुलाया गया. बैठक में शामिल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा, गृह सचिव राजीव महर्षि और अन्य अधिकारियों से उसका परिचय कराया गया.
घाटी के गुमराह युवकों को राह दिखने कि तैयारी
गृहमंत्री ने नबील की प्रशंसा करते हुए कहा कि नबील की सफलता की कहानी बताती है कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं में बहुत क्षमता है. नबील की सफलता से कश्मीर के युवा प्रेरित होंगे. केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के उन लोगों से संपर्क कर रही है, जो देश की महत्वपूर्ण सेवाओं में शामिल होकर अपना योगदान दे रहे हैं. सरकार का मानना है कि ये लोग राज्य में गुमराह हो रहे युवाओं को सही राह पर लाने में मददगार हो सकते हैं.
बेरोजगारी बड़ी समस्या
गृहमंत्री से मुलाकात के बाद वानी ने कहा कि युवाओं के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, जिसे केवल शिक्षा के जरिए ही हल किया जा सकता है. वानी इस समय उधमपुर में कनिष्ठ अभियंता के पद कार्यरत हैं. उसने कहा कि मैंने सुरक्षा बल में शामिल होने और देश की सेवा करने का सपना देखा था, जो अब पूरा हो गया. नबील ने कहा कि हम हाथ में पत्थर लेकर शिक्षा हासिल नहीं कर सकते. लेकिन हाथ में कलम पकड़कर शिक्षा हासिल कर सकते हैं. वानी के पिता अध्यापक थे, जिनकी कुछ दिन पहले मौत हो गई थी.