देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए ज़िन्दग़ी की कोई भी क़ीमत नहीं है। उनकी सभा में एक बुजुर्ग तड़प-तड़पकर कर मर गया लेकिन सीएम रावत तो भाषण देने में मसरूफ़ थे। एक तरफ सभा चल रही थी और दूसरी तरफ बुजुर्ग तड़प तड़प कर मर रहा था। सीएम हरीश रावत उधमसिंह नगर जनपद स्थित रुद्रपुर में विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास हेतू कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थन में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं समेत इलाके के लोग सैंकड़ों की संख्या में मौजूद थे।
सीएम की सभा और बुजुर्ग की मौत
दरअसल भीड़ में कुरैया किच्छा निवासी अली प्रधान सभा में उपस्थित था। तभी उसे अचानक हार्ट अटैक आया और वह जमीन पर गिर पड़ा। काफी देर तक वह जमीन परतड़पता रहा और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। वहीं, दूसरी ओर सीएम रावत की सभा बदस्तूर जारी रही। किसी भी नेतागण या सुरक्षाकर्मी ने उस व्यक्ति की सुध लेना भी ज़रूरी नहीं समझा। न तो उसे वक़्त पर अस्पताल पहुंचाया गया और न ही वहां वक़्त पर एंबुलेंस पहुची। ये हाल तब था जब सूबे के सीएम रावत खुद वहां मौजूद थे।
बेरहम CM रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत के की नज़र में लोगों की जान की कोई भी क़ीमत नहं है। उन्हें तो बस सभा करने से मतलब है और भाषण देने से। एक 60 वर्षीय बुजुर्ग उनकी सभा में तड़प तड़प कर मर गया लेकिन सीएम रावत की निर्दयता देखिये की उन्होनें उसकी सुध लेना भी ज़रूरी नहीं समझा। वहां मौजूद लोग भी हरीश रावत को निर्मम, निर्दयी और बेरहम बता रहे थे। लोगों का कहना है कि एक सीएम इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है।