4 दिसम्बर 2021
कहीं न कहीं उस सभा मे जहां एक औरत की अस्मत से दुशासन खेल रहा था वहां अट्टहास करना कर्ण की सबसे बड़ी भूल थी जो इन सारे दोषों पर भारी थी आपने बहुत ही सुंदर वर्णन किया है कविता में कर्ण के व्यक्तित्व का पढ़कर अच्छा लगा कीप इट अप 👍
5 दिसम्बर 2021