सुशांत के याद में कुछ पंक्तियां ...
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bahut hi sundar ar dil ko chhu lene vali rachnaye h
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वाकिफ तो हुए , उन दानवों की दानवता से,छुपाया जिसे उनसब ने कायनात से,वाकिफ तो हुए , उन दानव के ख़्याल से ,छुपाया जिसे उनसब ने इस जहाँ से,कही ना कही तुम्हारी सफलता से जल रहे थे वो ,कही ना कही तुम्हारी उ
" कभी किसी को किसी से, यू मत छिन लेना , जिससे किसी की सारी ,खुशियाँ ही छीन जाए । "आज मै दुखी बहुत हुई ,जब तुम्हारे जाने की खबर सुनी तो ।बहुत तकलीफ हुई, अंतरआत्मा में ,अजीब सी हलचल हो रही है
बहुत याद आ रही है , तुम्हारी मुस्कुराहट , तुम्हारी आवाज ,तुम्हारी हर वो चीज जिससे,तुम जुड़े थे , वो सब बहुत याद आ रही है।लग ही नही रहा कि तुम , इस दुनियाँ को कुछ समय पहले ,छोड़ के जा चुके हो ।मान
हर बार तुने हँसया था,इस बार तू रुला गया ।हमसे क्या गुनाह हो गया,जो तुमने ऐसी सजा सुना गया ।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
घर ,गली और शहर है ,तुझे ढूढ़ रहा,कहा तुम चले गए,क्या हुई हमसे ख़ता,हमसे यू मुँख मोड़ गये✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
इतनी भी क्या जल्दी थीचाँद के पास जाने कीतारा बनने की और हम सब से यूँ दूर जाने की😔😔😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
देखती हूँ जब मैं चाँद को तब याद तुम्हारी आती है सीने में दर्द और आँखों में आँसू भर जाते है . . . &nb
💐तुझे जितना😔 भुलाना चाहा ,💐💐तुम उतना 😰याद आये ।💐💐कैसे करू इकरार 🙁के हाँ !💐💐तुम इस ☹️जहाँ को छोड गये ।💐 ☹️ 💐💐💐💐💐💐☹️✍🏻 रिया सिंह सिकरवार "
बहुत हँसी - मुस्कुराहट देखा था मैंने ,मगर तेरी मुस्कुराहट कुछ अलग ही थी ।तुम्हारे हँसी में भोलापन था , जादू था ,जिसे देख लोग मुस्कुरा देते थे ।हर बार तुने हँसाया था ,इस बार क्यू रुला गया ।हमसे क्या गु
आप जाने कितने दिलों को सुना कर गये ...जाते - जाते लाखों लबों की मुस्कुराहट ले गये ...I miss. u Sushant Sir💐💐😢😔😔😔
रास नहीं आयी तेरी काबिलियत ,डर गये थे तेरी काबिलियत से,खुद ना खत्म हो जाये ,इसलिए तुझे ही खत्म कर दिया ..😔💐😔😢😢😢😭😭😭
वो सारे दिल को सुना कर गये ,जो आपके चाहने वाले है ।इस दुनियाँ से अचानक चले जाने के ...गम में सब के दिल में दर्द औरआँखों में आँसू भर गया ... दर्द कम नहीं हो रहा ह
भूल क्या हुई उनसे, क्या हुई खता ..मुझको मेरे रब्बा ..जरा तु ये बता ..क्यों छीन लिया एक पिता से ..उसके जीने की एक वजाह को ..😔😭✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
इतने दिवाने हो गये थे , चाँद तारो के , कि बिना बताये ही ,इतनी जल्दी हमको छोड़ कर चले गये ॥रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
जब भी देखती हूँ चाँद 🌕 को , तो याद तुम्हारी आ जाती है . . .क्योंकि अक्सर मैंने तुम्हारी बातों में ,चाँदा तारो की ही जिक्र सुना करती थी ।miss u a lot😔✍🏻रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )