भोपाल : मध्य प्रदेश स्थित विदिशा के शमशाबाद से एक किमी दूर लटेरी रोड स्थित सापन नदी पर बने पुल मे पैंसेजर बस गिरने की इस घटना ने प्रशासन पर ही कई सवाल खड़े कर दिये है. बस में सवार लोगों ने अपनी जो आपबीती बताई है. बस मे सवार लोगो ने कहा कि सड़क काफी खराब होने के बावजूद ड्राइवर बस तेजी से चला रहा था. चिल्ला रहे थे पैसेंजर्स, लेकिन ड्राइवर ने एक ना सुनी.
भोपाल की रहने वाली 17 साल की काजल करोलिया ने भास्कर को बताया कि भोपाल से लटेरी जा रही बस करीब एक घंटा देरी से चल रही थी. जल्दी पहुंचने के लिए ड्राइवर ने बस की स्पीड काफी तेज कर दी थी. रास्ते में गड्ढों की वजह से पैसेंजर्स को काफी झटके लग रहे थे. यात्रियों ने कई बार ड्राइवर को बस धीरे चलाने को कहा लेकिन उसने स्पीड कम नहीं की. इसके बाद कई लोग चिल्लाने भी लगे थे.
दोपहर करीब 1:30 बजे सापन नदी के पुल पर एक गड्ढे की वजह से बस का बैलेंस बिगड़ गया. पुल पर रेलिंग नहीं होने की वजह से वह सीधे नदी में गिर गई और धीरे-धीरे 25 फीट गहरी नदी में समा गई. काजल ने बताया कि कुछ लोग खिड़की और दरवाजे खोलकर नदी से बाहर आ गए. मैं जैसे-तैसे खिड़की के रास्ते बाहर निकल आई, लेकिन मां नहीं निकल सकी.
आवाज सुनकर कुछ लोग वहां पहुंचे और उन्होंने मेरे पिता, दो भाई सहित कई लोगों को बाहर निकालकर नई जिंदगी दी. उनका विदिशा जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. बस के नदी में गिरने से पहले ही बस चालक और कंडक्टर नीचे कूदकर भाग गए.
मार्च से बिना इंश्योरेंस चल रही थी बस, कभी चैक नहीं हुई
बस मालिक की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसका खामियाजा मृतकों के परिजनों और घायलों को उठाना पड़ेगा. दुर्घटनाग्रस्त का इंश्योरेंस 3 मार्च 2016 को समाप्त हो चुका था. यदि इस बस का इंश्योरेंस होता तो प्रभावितों को कोर्ट के जरिए वाजिब हर्जाना मिल जाता.
फिटनेस और परमिट भी खत्म
विदिशा डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर भारती वर्मा के मुताबिक, बस का बीमा रिन्यू नहीं होने की जानकारी मिली है. संबंधित ऑपरेटर का बस परमिट और फिटनेस निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
आप को बता दें कि इस हादसे में 10 यात्रियों की डूबने से मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए, इनमें चार की हालत गंभीर है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख स्र्पए एवं घायलों को 25-25 हजार स्र्पए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.