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स्वास्थ्य

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आधा भोजन करने के पश्चात् हरे आँवलों का 30 ग्राम रस आधा गिलास पानी में मिलाकर पी लें । फिर शेष आधा भोजन करें । यह प्रयोग 21 दिन तक करें । इससे हृदय व मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा स्वास्थ्य सुधरता

बरगद का दूध कुष्ठ रोगों की रामबाण औषधि है। यह गम्भीर से गम्भीर और पुराने से पुराना कुष्ठ रोग ठीक कर देता है। इसके लिए कुष्ठ प्रभावित भाग को साफ करके उस पर बरगद के दूध का लेप करना चाहिए और इस पर बरगद क

 गर्भावस्था में पानी की कमी से बहुत सारी परेशानियां हो सकती हैं । आपके बच्चे की सेहत के लिये यह अच्छा नहीं है।गर्भावस्था में कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आती है जब पानी की मात्रा बच्चेदानी में कम हो जात

चार लौंग पीसकर उनमें नींबू का रस मिला के दांतों और मसूडों की धीरे धीरे मालिश करें । इससे दर्द दूर होगा एवं मसूड़े भी स्वच्छ हो जाएंगे ।4 लौंग पीस कर एक गिलास पानी नहीं उबालें , दिन में तीन चार बार इस

ज्यादा पसीना (pasina)बहने के कारण शरीर में पानी और लवणों की कमी हो जाती है जिसके कारण सिर में दर्द, नींद, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी भी आने लगती है। व्यक्ति अपना कोई भी निर्णय नहीं ले पाता है। उसका शर

11 सफेद मिर्च व 10 ग्राम मिश्री को पीसकर प्रातः लगभग 4 बजे 25 ग्राम दूध को मलाई में मिला केर चाट लें और एकाध घंटा सो जाएँ इस प्रयोग को केवल 7 दिन करने से आधासीसी के दर्द व दिन निकलने पर सुरु होन

 मेथी दाना पीस के रख दिया1चम्मच मेथी दाना,1/2 चम्मच हल्दी और1/2 चम्मच गंथोदा (जिसे पिपलामुल भी कहते हैं पंसारी के यहाँ मिलते है )कुल मिला के 2 चम्मच हो गए | रात को एक ग्लास पानी में भिगा दो | सुब

1.दालचीनी का छोटा-सा टुकड़ा चूसने से स्वरभंग (गला बैठना) की विकृति नष्ट होती है व आवाज खुलती है |2.अदरक रस शहद में मिलाकर चाटने से बैठी आवाज खुलती है व सुरीली बनती है |3.गला बैठ जाए या गले में सूजन हो

1.एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ें और उसमें नमक मिलाकर उस पानी से गले के अंदर तक सुबह थोड़ीथोड़ी देर बाद 3-4 बार गरारे करें। 1-2 दिन में गला सामान्य हो जाएगा ।2. अदरक के टुकड़े कूट के उबाल

1. आँवला चूर्ण 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिला कर चाटने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है ।2. बारीक भुनी हुई फिटकिरी मुख में रखकर सो जाया करें ।एक मास के निरंतर सेवन से तुतलापन

1. पिसी हल्दी, नमक व सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना कर उसे डिब्वे में रख ले सुबह इस पेस्ट को ब्रुश अथवा उगली के द्वारा दाँतों व मसूड़ों पर लगा लें थोड़ी देर लगा कर रखे फिर बाद में कुल्ला कर लें इस प्

एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच जीरा पीसकर पाउडर बना लें। इसमें एक चुटकी नमक मिलाएं। इस चूरन को रोजाना दो बार खाएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ेगी और हेपेटाइटिस में आराम होगा।रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक से दो

हमारे शरीर में जलीय अंश की मात्रा 50 से 60 प्रतिशत है। प्रतिदिन सामान्यतः 2300 मि.ली. पानी त्वचा, फेफड़ों व मूत्रादि के द्वारा उत्सर्जित होता है। शरीर को पानी की आवश्यकता होने पर प्यास लगती है। उसकी प

 1. सुबह और शाम पथरी चटपौधे के तीन पत्तों को धो के रोज सुबह और शाम को खाली पेट मे चबा चबा कर खा ले ऊपर से थोड़ा पानी पी ले ( 3 सुबह और 3 शाम) ऐसा लगातार 20-25 दिनों तक करें, यकीन मानिए आपके शरीर म

लसोड़ा को हिन्दी में गोंदी, गोंदे , गुंदा और निसोरा भी कहते हैं । यह मधुर,कसैला, शीतल, कृमिनाशक, विषनाशक, बालों के लिए हितकारी,अग्निवर्द्धक, वातशामक, पाचक, कफ निकालनेवाला, अतिसार व जलनदूर करनेवाला, दर

 पलाश के वृक्ष का गोंद पड़ता है, उसको कमरकश भी बोलते है, गोंद भी बोलते है | उससे कमरकश औषोधि अथवा टॉनिक बनती है |1 ग्राम कमरकश को दूध में डाल के दूध उबाल के दे देते हो तो नपुंसक भी मर्द होने लगेग

निमोनिया के रोग में जल्दी पचने वाली चीजें खानी चाहिए और पूरा आराम करना चाहिए। भोजन में परवल, तोरई, करेला, सेब, अनार, पालक तथा कुलथी का रस सेवन करना चाहिए। जौ या गेहूं की रोटी खानी चाहिए। दोप

1.नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से खून साफ होकर खून की खराबी से होने वाले सारे रोग दाद, खुजली, फुंसियां आदि नष्ट हो जाते हैं।2.नीम के पत्तों को पानी में उबालकर एक्ज

गुण-धर्मः टमाटर खट्टा मीठा, रूचिवर्धक, अग्निदीपक व शक्तिवर्धक है। इसके सेवन से शरीर की स्थूलता, उदररोग, अतिसार आदि रोगों का नाश होता है। इसमें लौहतत्त्व दूध की अपेक्षा दोगुना व अण्डे की अपेक्षा पाँच ग

1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डाल

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