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स्वास्थ्य

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नींबू को काटकर उसके रस को खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है।खुजली होने पर तुलसी के कुछ पत्तों को लेकर उन्‍हें प्रभावित क्षेत्र पर रगड़ेंखुजली वाले स्‍थान पर एलोवेरा के जैल

अजवाइन के लगभग आधा ग्राम चूर्ण में इसी के बराबर मात्रा में कालानमक मिलाकर सोते समय गर्म पानी से बच्चों को देना चाहिए। इससे बच्चों के पेट के कीड़े मर जाते हैं।25 ग्राम पिसी हुई अजवाइन आधा किलो पानी में

 गले में दूषित हुआ वात, कफ और मेद गले के पीछे की नसों में रहकर क्रम से धीरे-धीरे अपने-अपने लक्षणों से युक्त ऐसी गाँठें उत्पन्न करते हैं जिन्हें गण्डमाला कहा जाता है। मेद और कफ से बगल, कन्धे, गर्द

बेल के पत्ते, धनिया व सौंफ को समान मात्रा में लेकर कूट लें। 10 से 20 ग्राम यह चूर्ण शाम को 100 ग्राम पानी में भिगो दें और सुबह पानी को छानकर पी जायें। इसी प्रकार सुबह भिगोकर शाम को पियें। इससे स्वप्नद

20 बूँद तुलसी के रस में 1 चुटकी सैंधा नमक , मरीज के नाक में डाल दें और एं एं जपते हुए तिल के तेल से सर की मालिश करें और पैरों के तलवों पर भी तिल या सरसों के तेल की मालिश करें ।मरीज को AC me न रखें और

फटे होंठ ठीक करने के असरकारक घरेलू उपाय1. सुबह तथा रात को सोते समय नाभि को साफ करके उसमे गुनगुना सरसों का तेल लगाने से होंठ मुलायम होते है और फटने बंद हो2.सर्दी के कारण फटे होंठ ठीक करने के लिए दूध की

1कटोरी लौकी के रस में पुदीने व तुलसी के 7-8 पत्तों का रस, 2-4 काली मिर्च का चूर्ण व 1 चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पियें l इससे ह्रदय को बल मिलता है और पेट की गड़बडियां भी दूर हो जाती हैं lनींबू का रस, लहसु

अचानक समस्या आने पर जब कोई रास्ता न हो, रसोईघर है, काफी हैये 7 चीजें तो रसोईघर में होंगी हीहल्दीसोंठदालचीनीलोंगसोंफअजवाइनकाली मिर्चखांसीहल्दी, सोंठ, दालचीनी, लोंग, कालिमिर्च का पाउडर गुड़ से या काढ़ा बन

नोक्टुरिया अर्थात रात के समय पेशाब आना, मूत्राशय की नहीं, ह्रदय की कमजोरी का लक्षण नोक्टुरिया वस्तुतः हृदय और मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में अवरोध का लक्षण है। प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को सबसे अधिक पर

  भद्रासन : जानिए भद्रासन के प्रकार, फायदे और रखी जाने वाली सावधानियांभद्रासन का अर्थ होता है मणियों से जड़ा हुआ राजसिंहासन जिस पर राज्याभिषेक होता है। भद्रासन दो-तीन तरीके से किया जाता है। यहां

हर व्यक्ति को अपने ब्लड प्रेशर पर नज़र रखना चाहिए, क्योंकि यह हमेशा घटता-बढ़ता है। लेकिन, इसका परिणाम हर उम्र के लोगों के लिए एक समान होता है। हालाँकि, सभी वयस्कों के लिए सामान्य रक्तचाप को 120/80 से कम

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी की बात या वस्तु को तुरंत ही भूल जाते हैं, ऐसा नहीं है कि उन्होंने उनके दिमाग का विकास नहीं किया है, ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बीमारी भी होती है, जो कि शरीर में जरूरत होने

मस्से सुंदरता पर दाग की तरह दिखाई देते हैं।मस्से होने का कारण पेपीलोमा वायरस है।त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के आ जाने से छोटे, खुरदुरे कठोर पिंड बन जाते हैं, जिन्हें मस्सा कहा जाता है।पहले मस्से की समस्या

  1. इमली की गूदे को हाथ पैरों के तलवों पर मलनेसे लू का असर खत्म हो जाता है।2. छह – सात कच्चे आम (अमियां) उबाल लें याराख में सेंक कर भून लें। फिर इन्हें कुछ देर ठंडे पानीमें रखें। ठंडा हो जा

हींग कोई फल या फूल नहीं होती ,यह तो पेड़ के तने से निकली हुई गोंद होती है। इसका पेड़ 5 से 9 फीट उंचा होता है। इसके पत्ते 1 से 2 फीट लम्बे होते हैं-हींग को हम रोज खाने का जायका बढ़ाने के लिए सब्जियों म

सोरायसिस(अपरस/ Psoriasis) एक प्रकार का चर्मरोग है जो संक्रामक होता है। यह रोग सर्दियों के मौसम मे होता है। यह रोग उन व्यक्तियों को होता है जो अधिक परेशानियों से घिरे रहते हैं। इस रोग का प्रभाव व्यक्ति

1.शक्कर और सौंफ को कूटकर रात में गलाएँ और प्रातः पिएँ। सुबह खाली पेट पंद्रह दिनों तक पीने से पेशाब में जलन बंद होती है।2.ईसबगोल के चूर्ण का शर्बत बनाकर पीने से मूत्रदाह एवं मूत्राघात रोग मिट जाता है।3

1.प्रतिदिन फिटकरी गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े और बदबू खत्म हो जाती है ।2.अजवायन को पीसकर खोखले दांत में भरकर रखने से दांतों के कीड़े व दर्द ठीक होते हैं।3. हींग को थोड़ा गर्म करके

आँखों का पानी सुख गया तो रात को अंजीर भिगो के रख देना और सुबह को खा लेना | थोड़े दिनों में आँखों की तकलीफ दूर हो जायेगी |

1.बेलपत्र और नीम पत्र का समभाग मिलाकर 15 से 30 मि.ली तक ‘रस’ प्रात: व सायं खाली पेट पिलायें ।  2.ईसबबेल 2 से 4 चम्मच दानेदार चूर्ण जल से दिन में 3, 4 बार खिलायें । इससे कब्ज दूर होकर आमाशय आ

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