1. ब्लैक होल के विलय के एक करोड़ साल बाद बनीं गुरुत्व तरंगें:- एक नए अध्ययन में पाया गया है कि गुरुत्वीय तरंगों का निर्माण दो तारामंडलों के टकराव और उनके केंद्रीय ब्लैक होल के आपस में विलय के लगभग एक करोड़ साल बाद हुआ। गुरुत्वीय तरंगों का यह निर्माण अब तक सोची गई गति से लगभग 100 गुना तेज है।सबसे पहले गुरुत्वीय तरंगों का पता इस साल की शुरुआत में चला था। एक सदी से भी पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस अवधारणा का जिक्र सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में कर दिया था। अब तक यह बताना संभव नहीं था कि गुरुत्वीय तरंगें किस बिंदु से पैदा होना शुरू होकर पूरे अंतरिक्ष में फैल गई। ज्यूरिक विविद्यालय, जर्मनी स्थित हीडलबर्ग विविद्यालय, ‘‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज’ और पाकिस्तान के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्थान के अंतरिक्ष वि ज्ञान ियों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने इसका छद्म रूपांतरण करके इसका आकलन कर लिया है। हर तारामंडल के मूल में एक व्यापक ब्लैक होल होता है, जो करोड़ों-अरबों सौर द्रव्यमानों के समतुल्य होता है। ब्रह्मांड का वास्तविक रूपांतरण करते हुए दो लगभग तीन अरब साल पुराने तारामंडलों का विलय कराया गया। दो केंद्रीय ब्लैक होल्स को तारामंडलों की टक्कर के बाद शक्तिशाली गुरुत्वीय तरंगों का उत्सर्जन करने के लिए जितने समय की जरूरत थी, उसका आकलन शोधकर्ताओं ने सुपर कंप्यूटरों की मदद से किया। ज्यूरिक विविद्यालय के लुसियो मेयर ने कहा, ‘‘दो ब्लैक होल्स के विलय के एक करोड़ साल बाद पहली गुरुत्व तरंगें पैदा हो गई थीं। यह इससे पहले तक मानी जाती रही गति से 100 गुना तेज था।’ कंप्यूटर के जरिए किए गए इस रूपांतरण का काम चीन, ज्यूरिक और हीडलबर्ग में हुआ।
2. सीमा को स्पष्ट रूप देंगे भारत-म्यांमार:- भारत-म्यांमार सीमा को स्पष्ट रूप देने के लिए भारत के महासर्वेक्षक स्वर्ण सुब्बा राव व म्यामांर के महासर्वेक्षक यू थैन हलाइंग के बीच गहन मंथन शुरू हो गया है। दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सीमा का संयुक्त सर्वे कराने का निर्णय लिया गया। वैसे तो म्यामांर के साथ भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण हैं, मगर जून 2016 में भारतीय सेना के म्यांमार सीमा में 16 किलोमीटर भीतर घुसकर उग्रवादियों को मार गिराने के बाद सीमा की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। वह इसलिए कि सेना की कार्रवाई के बाद उग्रवादियों के भारतीय सीमा क्षेत्र में हमले की आशंका बढ़ गई है और भारत-म्यामांर करीब 2000 किलोमीटर लंबी सीमा का बड़ा हिस्सा अस्पष्ट व खुला है। सीमा क्षेत्र को हर लिहाज से चाक चौबंद बनाने के लिए ही दोनों देशों के महासर्वेक्षकों की बैठक का निर्णय लिया गया। इसके लिए म्यांमार के महासर्वेक्षक कार्यालय का सात सदस्यीय दल दून पहुंचा। मंगलवार को दून के हाथीबड़कला स्थित सर्वे एस्टेट में शुरू हुई बैठक में सीमा क्षेत्र के पिलरों की स्थिति व अतिक्रमण को लेकर चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख रूप से भारत-म्यांमार सीमा के मणिपुर सेक्टर पर चर्चा की गई। यहां के चांदेल जिले के मोरे कस्बे क्षेत्र में ही भारतीय सेना ने उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। गंभीर बात यह है कि इस क्षेत्र में सीमा बेहद खुली है और यहां अक्सर लोग बेरोकटोक सीमा के आर-पार आवागमन करते हैं। इस जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सीमा के दोनों तरफ 10-10 किलोमीटर नोमैन्स लैंड की स्थिति का आकलन दोनों देश के महासर्वेक्षक करेंगे। भारत के महासर्वेक्षक स्वर्ण सुब्बा राव ने कहा कि सीमा की सुस्पष्ट स्थिति को लेकर दोनों ही देश संजीदा हैं।
2. बांग्लादेश को होगा कोयला निर्यात:- कोल इंडिया लिमिटेड बांग्लादेश को कोयला निर्यात करने के बारे में उससे ‘‘गहन परामर्श’ कर रही है। यह बात मंगलवार को कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कही।देश में कोयले की मांग में गिरावट ओर बिजलीघरों के पास ईंधन स्टाक ऊंचा होने से कंपनी पड़ोसी देश को कोयले के निर्यात की संभावना देख रही है। कोयला खानों और बिजली सयंत्रों के पास इस समय आठ करोड़ टन कोयला पड़ा है। कोयला सचिव ने यहां कोयला सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘बातचीत चल रही है और कोल इंडिया बांग्लादेश के साथ कोयला निर्यात के सबंध में गहन परामर्श कर रही है।’ भारत ने जुलाई में बांग्लादेश से वहां 1320 मेगावाट क्षमता का कोयले से चलने वाला बिजली संयंत्र लगाने का बड़ा समझौता किया है।
4. उर्जित ने संभाली केंद्रीय बैंक की कप्तानी :- भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर ने मंगलवार को केंद्रीय बैंक के प्रमुख का कामकाज बाकयदा शुरू कर दिया। आरबीआई मुख्यालय में शीर्ष स्तर पर पदभार का यह ‘‘हस्तांतरण’ बिना तामझाम के हुआ। मीडिया को इससे दूर ही रखा गया जबकि पिछले गवर्नर रघुराम राजन ने तीन साल पहले अपने कार्यकाल के पहले दिन ही नीतियों में कई बड़े सुधार की घोषणाएं की थीं।पारंपरिक तौर निवर्तमान गवर्नर अपने उत्तराधिकारी को समारोह पूर्वक पदभार सौंपते रहे हैं। इसमें पत्रकारों और मीडिया छायाकारों को भी आमंत्रित किया जाता था। राजन ने भी जब डी सुब्बाराव से पदभार ग्रहण किया था तो इसी परंपरा का पालन हुआ था। इसके उलट पटेल ने चार सितम्बर जो रविवार के दिन पदभार ग्रहण किया। आरबीआई ने इसे एक दिन बाद एक बयान के जरिए इसकी सार्वजनिक जानकारी दी।गणोश चतुर्थी का कल अवकाश था इसलिए गवर्नर के प्रभार का हस्तांतरण आज हुआ। आरबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक पटेल के प्रभार संभालने के आधिकारिक समारोह के फोटो आज दिन में जारी करेगा। पटेल आरबीआई प्रमुख के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं और कार्ययोजना के बारे में मीडिया के कब बात करेंगे या बात करेंगे या नहीं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।राजन ने चार सितम्बर 2013 को गवर्नर का पदभार ग्रहण करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था जो एक घंटे से अधिक समय तक चलेगा। उसी में उन्होंने अपनी विस्तृत कार्ययोजना की घोषणा की
5. राजनीति क दल नई चुनावी मशीन (टोटलाइजर) को मतदान प्रक्रिया में शामिल करने पर एकमत नहीं:- राजनीतिक दल नई चुनावी मशीन (टोटलाइजर) को मतदान प्रक्रिया में शामिल करने पर एकमत नहीं हैं। टोटलाइजर मतगणना के दौरान गोपनीयता बरकरार रखने के लिए वोटिंग पैटर्न का खुलासा करने से रोकती है। चुनाव आयोग ने विधि मंत्रलय को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।पिछले महीने मंत्रियों की एक टीम को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी कि चुनावों में ‘टोटलाइजर’ का इस्तेमाल होना चाहिए या नहीं। टीम के गठन से पहले आयोग ने विधि मंत्रलय को उक्त पत्र लिखा था, जो अब दस्तावेज का हिस्सा है। आयोग के अनुसार, कांग्रेस, राकांपा और बसपा तो टोटलाइजर के प्रयोग के पक्ष में हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा का मानना था कि बूथ प्रबंधन के वास्ते राजनीतिक दलों के लिए मतदान केंद्र वार प्रदर्शन महत्वपूर्ण है। आम आदमी पार्टी भी टोटलाइजर के समर्थन में है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इसे लागू करने का विरोध किया है।पता चला है कि मंत्रियों की टीम चुनावों के दौरान ‘टोटलाइजर’ मशीन के इस्तेमाल के पक्ष में है। टीम की सिफारिशों के आधार पर कैबिनेट अंतिम फैसला लेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यों वाली टीम का गठन किया गया था। टीम के अन्य सदस्यों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर र्पीकर, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं। सरकार ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया था कि सितंबर के अंत तक केंद्र इस मुद्दे को हल करे। दरअसल, चुनाव आयोग मतगणना में ‘टोटलाइजर’ के प्रयोग के पक्ष में है।
6. तंबाकू सेवन से पूर्वोत्तर में कैंसर का अधिक प्रसार:- देश के पूर्वोत्तर हिस्सों, पड़ोसी म्यामार और बांग्लादेश में कैंसर का प्रसार भारत के किसी भी हिस्से से ज्यादा है। इसकी वजह तंबाकू का सेवन है। विशेषज्ञों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।एम्स के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. जीके रथ ने बताया कि भारत में पवरेत्तर में कैंसर का अधिक खतरा है जिसके बाद बांग्लादेश और म्यामार आते हैं। उन्हें मुंह, स्तन, सर्विकल, भोजन नली और पित्ताशय में कैंसर का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि तंबाकू को त्याग कर और खाने की आदत और जीवनशैली को बदलकर कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होंने जंक खाद्य के बजाय प्राकृतिक खाद्य का सेवन करने की भी सलाह दी। रथ ने कहा, ‘‘क्षेत्र में कैंसर के मरीजों की संख्या महाराष्ट्र से पांच गुना ज्यादा है। पवरेत्तर में लोग मुख्य तौर पर तंबाकू की वजह से कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं।’‘‘अंतरराष्ट्रीय कैंसर स्क्रीनिंग नेटवर्क’ (आईसीएसएन) का एक तीन दिवसीय सम्मेलन सोमवार की यहां शुरू हुआ, जिसमें 11 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं जो विभिन्न समुदायों में कैंसर जांचने की प्रक्रि या पर र्चचा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘आईसीएसएन’ ने तीन तरह के कैंसर-मुंह, सर्विकल और स्तन कैंसर के लिए मापांक विकसित किए हैं और प्रतिनिधि नियंतण्र संदर्भ में इन मापांक का परीक्षण करेंगे। ‘‘इंस्ट्टियूट ऑफ साइटोलॉजी एंड प्रीवेंटिव ऑनकॉलॉजी’ के निदेशक डॉ. रवि मेहरोत्रा ने बताया कि लगभग 80 फीसदी लोगों में देर से कैंसर का पता चलता है क्योंकि वे वक्त पर बीमारी की जांच को लेकर जागरुक नहीं होते हैं।