नई दिल्ली : टाटा संस ने बड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार अपना नया चेयरमैन चुन लिया है। टीसीएस के CEO नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन चुन लिया गया है। टाटा संस के 149 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब जब किसी गैर पारसी व्यक्ति को टाटा का चेयरमैन बनाया गया है। वहीं, नौरोजी सकलतवाला और साइरस मिस्त्री के बाद तीसरे ऐसे चेयरमैन होंगे जो टाटा परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। रतन टाटा अब अब तक इंटरिम चेयरमैन के रूप में थे लेकिन अब वो फिर अपने पुराने रोल यानी चेयरमैन ऐमिरेट्स बने रहेंगे।
रतन टाटा पहली बार 1991 में चेयरमैन बने हैं। जिस वक़्त रतन टाटा चेयरमैन बनाये गए थे उस वक़्त टाटा का कुल कारोबार 10 हजार करोड़ का था। वह टाटा के कारोबार 2012 तक 4.75 लाख करोड़ तक ले आये थे।
क्यों बनाया गया चंद्रशेखरन को चेयरमैन
चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस के मुनाफे में तीन गुना का इजाफा हुआ। 2009 में कंपनी का टर्नओवर 30,000 करोड़ रुपये था और उनकी लीडरशिप में ही 2016 तक यह बढ़कर 1.09 लाख करोड़ रुपये हो गया। यही नहीं कंपनी का मुनाफा भी तीन गुना बढ़ते हुए 7,093 करोड़ से बढ़कर 24,375 करोड़ हो गया। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट कंपनी में फिलहाल 3,50,000 एंप्लॉयीज हैं। टीसीएस देश में सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाली प्राइवेट कंपनी है। 116 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप के मार्केट कैप में टीसीएस की हिस्सेदारी 60 पर्सेंट है। टाटा संस के कुल रेवेन्यू में कंपनी की हिस्सेदारी 70 पर्सेंट से अधिक है।