नई दिल्ली : रिलायंस जियो के खिलाफ एयरटेल, आईडिया और वोडाफोन की एकजुटता ने दोनों अम्बानी बंधुओं को एक साथ आने पर मजबूर कर दिया है। छोटे भाई अनिल अम्बानी का कहना है कि उनकी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशन का बड़े भाई की रिलायंस जियो में विलय हो चुका है। उन्होंने कहा रिलायंस कॉम्युनिकेशन के 10 करोड़ ग्राहकों और 10 लाख रिटेलरों का पहले ही वर्चुअल मर्जर हो चुका है, हमारे स्पेक्ट्रम और नेटवर्क साझा है। मुकेश अम्बानी ने साल 2002 में टेलीकॉम सेक्टर में कदम रखा था। बता दें कि अनिल अम्बानी के रिलायंस कॉम्युनिकेशन और एयरसेल के बीच कुछ दिन पहले बड़ा मर्जर हुआ था।
रिलायंस जियो के ऐलान के बाद एयरटेल, आईडिया और वोडाफोन जैसी बड़ी कंपनियों और मुकेश अम्बानी की जियो के बीच विवाद हो गया था। इस पूरे मामले में मुकेश अम्बानी अकेले पड़ते दिखाई दे रहे थे क्योंकि ग्राहकों की बड़ी संख्या इन तीनों कंपनियों के पास है और जियो की शिकायत थी कि ये कंपनियां उन्हें इंटरकनेक्शन उपलब्ध नही करा रही हैं।
रिलायंस का यह भी आरोप है कि एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया द्वारा उसे इंटर कनेक्शन न दिए जाने के कारण उसकी कॉल फेल होने का रेट 65 फीसदी बढ़ गया है। देश में 80 प्रतिशत उपभोक्ता एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया के हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा एयरटेल के 25.68 करोड़ यूजर, वोडाफोन के 19.77 करोड़ और आईडिया के 17.64 करोड़ यूजर्स हैं।