... इस नई व्यवस्था से अर्थव्यवस्था को 60 लाख करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण फायदा होगा. गौरतलब है कि लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में इसकी राह में बार-बार रोड़े अड़ा दिए जाते हैं, जिसके लिए कांग्रेस सीधे तौर पर जिम्मेदार मानी जा रही है और इसके लिए उसकी खासी आलोचना भी हो चुकी है. हालाँकि, अपनी आलोचना से और प्रधानमंत्री के बार-बार के प्रयासों से कांग्रेस (Congress Party) भी इस बार नरम रुख अपनाती दिख रही है. इस सम्बन्ध में कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि "कांग्रेस विधेयकों को पास कराने में रोड़ा नहीं डालेगी, लेकिन मेरिट के आधार पर ही उनका सपोर्ट करेगी." देखा जाए तो कांग्रेस की मनः स्थिति अभी साफ़ होती नहीं दिख रही है और राज्यसभा में सरकार का बहुमत न होने का वह राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश (Monsoon Session 2016, GST Bill) कर रही है. ये बात अलग है कि इस बात का उसे नुक्सान ज्यादा हो रहा है, क्योंकि ज्यादातर राज्य जीएसटी बिल के फेवर में हैं, किसी भी पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया है और इसलिए कांग्रेस के खिलाफ जनता में भी सन्देश निर्मित हो रहा है कि वह बेवजह सरकार को परेशान और देश का नुक्सान कराने पर तुली हुई है. वैसे भी, भारत में 20 तरह के टैक्स लगते हैं और जब एक टैक्स...