नई दिल्ली : दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर एक बार फिर संकट के बदल मंडरा रहे हैं. इस बार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्रियों पर फर्जी तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को नौकरी देने के गंभीर आरोप लगे हैं. इस बात की शिकायत एक RTI एक्टिविस्ट ने अपने खोजी दस्तावेजों में किया है.
सरकार खजाने को लगाया बट्टा
सूत्रों के मुताबिक पुरानी दिल्ली में रहने वाले RTI एक्टिविस्ट विवेक गर्ग ने दिल्ली के समस्त विभागों का ब्यौरा अलग-अलग विभागों में अपनी RTI के जरिये माँगा था, जिसके आ जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने धड़ल्ले से अपने -अपने विभागों में नियमों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर फर्जी ढंग से नियुक्तियां कर डाली हैं. जिसके चलते प्रतिमाह लाखों रुपये का बजट इन कर्मचारियों के वेतन पर ख़र्च किया जा रहा है.
रेवड़ी की तरह बांटी दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने नौकरियां
यही नहीं सूत्रों के मुताबिक यह नियुक्तियां दर्जन -दो दर्जन नहीं बल्कि हजारों की संख्या में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने की हैं. जिसके चलते दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर एक बार फिर से संकट के बदल मंडराते नजर आ रहे हैं. बताया जाता है कि जिन लोगों को ये फर्जी तरीके से नौकरियां दी गयीं हैं. उनमें से अधिकांश लोग 'आप' पार्टी के कार्यकर्ता हैं. इतना ही नहीं इन नौकरियों को देते वक़्त केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने विभाग के सारे नियम कानून उठाकर ताक पर रख दिए बताया जाता है.
फर्जी नियुक्तियों की पत्रावली पहुंची एंटी करप्शन ब्यूरो
फिलहाल इन फर्जी नियुक्तियों के घोटाले कि शिकायत करने वाले पुरानी दिल्ली निवासी विवेक गर्ग ने 'इंडिया संवाद' से बात करते हुए बताया कि दिल्ली कि अरविन्द केजरीवाल सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों में जमकर घोटाले किये हैं. इनमें से सबसे बड़ा घोटाला फर्जी नियुक्तियों का सामने आया है. उन्होंने बताया कि इस मामले कि शिकायत उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो प्रमुख एम् के मीना से करते हुए घोटाले के सारे दस्तावेज उन्हें सौंप दिए हैं. उधर एंटी करप्शन ब्यूरो ने विवेक गर्ग से मिले दस्तावेजों के बाद दिल्ली कि आप सरकार के मंत्रियों द्वारा फर्जी तरीके से की गयी नियुक्तियों की जाँच शुरू कर दी गयी है.