
नई दिल्ली : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के साथ ही वहां की आईटी कंपनियों में नौकरी करने वाले भारतीयों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। अमेरिकी संसद में दो सांसदों चक ग्रैसले और डिक डर्बन ने H-1B वीजा से जुड़ा एक बिल पेश किया है। कहा जा रहा है कि इस बिल में इस तरह के प्रावधान है जिनमे कहा गया है कि अमेरिका में उन्ही लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अमेरिका में पढाई की हो।
बिल में H-1B वीजा के एलोकेशन को तरजीह देने का फैसला किया गया है। इस बिल के लाने का ख़ास मकसद यह है कि इससे अमेरिका में होनहार छात्रों को तरजीह दी जा सके। हालाँकि भारत में इस बिल को लेकर कुछ लोग यह भी सोच रहे हैं कि इसके आने के बाद कई प्रतिभाशाली भारतीय छात्र अमेरिका का रुख नही करेंगे।
जबकि भारत में ढेरों अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इन पेशेवरों का इंतजार कर रही हैं। वहीं इन पेशेवरों से सस्ता श्रम करा रही अमेरिकी कंपनियों को झटका लगेगा। हैदराबाद के आईटी पेशेवरों का भी मानना है कि अमेरिका से लौटे प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं के दम पर वे सिलिकॉन वैली को टक्कर देने को तैयार हैं।
उबर इंडिया के प्रमुख अमित के अनुसार भारत में ढेरों अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी और बढ़ते स्टार्टअप के चलते आईटी पेशेवरों को यहां वह सब कुछ मिलेगा, जिसके लिए वे अमेरिका जाते थे।
नई दिल्ली : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के साथ ही वहां की आईटी कंपनियों में नौकरी करने वाले भारतीयों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। अमेरिकी संसद में दो सांसदों चक ग्रैसले और डिक डर्बन ने H-1B वीजा से जुड़ा एक बिल पेश किया है। कहा जा रहा है कि इस बिल में इस तरह के प्रावधान है जिनमे कहा गया है कि अमेरिका में उन्ही लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अमेरिका में पढाई की हो।
बिल में H-1B वीजा के एलोकेशन को तरजीह देने का फैसला किया गया है। इस बिल के लाने का ख़ास मकसद यह है कि इससे अमेरिका में होनहार छात्रों को तरजीह दी जा सके। हालाँकि भारत में इस बिल को लेकर कुछ लोग यह भी सोच रहे हैं कि इसके आने के बाद कई प्रतिभाशाली भारतीय छात्र अमेरिका का रुख नही करेंगे।
जबकि भारत में ढेरों अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इन पेशेवरों का इंतजार कर रही हैं। वहीं इन पेशेवरों से सस्ता श्रम करा रही अमेरिकी कंपनियों को झटका लगेगा। हैदराबाद के आईटी पेशेवरों का भी मानना है कि अमेरिका से लौटे प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं के दम पर वे सिलिकॉन वैली को टक्कर देने को तैयार हैं।
उबर इंडिया के प्रमुख अमित के अनुसार भारत में ढेरों अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी और बढ़ते स्टार्टअप के चलते आईटी पेशेवरों को यहां वह सब कुछ मिलेगा, जिसके लिए वे अमेरिका जाते थे।