नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री उमा भारती के इस फैसले ने सबको चौंका दिया। कहां वो हिंदूवादी राजनीति की प्रतीक और हमेशा भगवा चोले में रहने वालीं और कहां उन्होंने राजनीति से दूर एक शख्स को अपना वारिस घोषित कर दिया। यह शख्स भारतीय राजस्व सेवा के अफसर लोकेश हैं। उमा भारती ने मंगलवार को भोपाल में कहा कि लोकेश में उनकी छाप दिखती है। आगे लोकेश लिल्हारे नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरेंगे और उनकी विरासत संभालेंगे।
कौन हैं लोकेश
लोकेश भारतीय राजस्व सेवा के 2009 बैच के अफसर हैं। वे फिलहाल उमा भारती के विशेष कार्याधिकारी(ओएसडी) की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मध्य प्रदेश के बालाघाट के रहने वाले लोकेश उमा भारती की लोध जाति से भी ताल्लुक रखते हैं। लंबे समय से उमा के साथ काम करने के बाद उनके करीबी हो गए। उमा भारती का कहना है कि लोकेश में उन्हें अपने व्यक्तित्व की छाप दिखती है। मुझे एक राजनीतिक उत्तराधिकारी चाहिए थे, जो लोकेश के रूप में मिल गया है। आगे लोकेश नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति करेंगे। मैने मध्य प्रदेश के लोगों से कह दिया है कि वे किसी भी समस्या के लिए लोकेश से मिलें।
मोदी ने दबाव देकर लड़ाया मुझे चुनाव
उमा भारती की बातों से लगा कि वे अब राजनीति में और अधिक समय तक सक्रिय नहीं रहना चाहतीं। उन्होंने कहा कि छह साल की उम्र में प्रवचन करते हुए वे लगातार भीड़ का हिस्सा रहीं। अब वे और ज्यादा वक्त भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं। वे तो 2014 में ही लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं थीं मगर नरेंद्र मोदी के कहने पर झांसी से चुनाव लड़ीं।