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उपन्यास की किताबें

अंतिमा

कभी लगता था कि लंबी यात्राओं के लिए मेरे पैरों को अभी कई और साल का संयम चाहिए। वह एक उम्र होगी जिसमें किसी लंबी यात्रा पर निकला जाएगा। इसलिए अब तक मैं छोटी यात्राएँ ही करता रहा था। यूँ किन्हीं छोटी यात्राओं के बीच मैं भटक गया था और मुझे लगने लगा था क

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9 मई 2022
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लाल किला तथा आभा

दो प्रसिद्ध उपन्यास एक साथ मुगलकाल के बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान लाल किला सदियों से भारत की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। लाल किला में रहकर सारे हिन्दुस्तान पर शासन चलाने वाले मुग़ल बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान इस उपन्यास के प्रथम खंड

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19 मई 2022
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दस द्वारे का पिंजरा

‘सैल्वेशन’ से लेकर ‘लिबरेशन’ तक स्त्री-मुक्ति किन कठिन रास्तों से गुजरी है–इसकी सजग दास्तान है अनामिका की कृति दस द्वारे का पींजरा। पितृसत्ता के वर्चस्व तले निरन्तर क्षयग्रस्त इस दुनिया में स्त्री की मुक्ति खोजना आकाश और धरती के बीच सांस्कृतिक पुल ब

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8 जुलाई 2022
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सोमनाथ

भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्री ठठ-के-ठठ बारहों महीने इस महातीर्थ में आते और सोमनाथ के भव्य दर्शन करते थे। अनेक राजा-रानी, राजवंशी, धनी-कुबेर, श्रीमंत-साहूकार यहां महीनों रुके रहते थे और अनगिनत धन-रत्न, गांव-धरती सोमनाथ के चरणों में चढ़ा जाते थ

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18 मई 2022
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शाल भंजिका

अनूठे गद्य में अपनी कथा–भाषा रचने वाली मनीषा कुलश्रेष्ठ का यह उपन्यास ‘शालभंजिका’ पढ़ने का अर्थ एक खास किस्म की ऐन्द्रिक अनुभूति । यहां पाठक उपन्यास के चरित्र की तरह भावावेश में उस स्त्री चरित्र को जैसे देखता ही रह जाता है और फिर सोचता है–––‘आजकल भी ऐ

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9 जुलाई 2022
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 इंद्र (देवलोक के वर्तमान राजा)

ब्रज को पानी में डुबा दो!' देवराज इन्द्र ने गरजकर कहा। 'मैं चाहता हूं कि इस छोटे से गांव ब्रज का एक-एक व्यक्ति पानी में डूबकर मर जाए! इन मूर्खों को देवलोक के राजा पुरंदर का अपमान करने का फल मिलना ही चाहिए!' अधिकांश संसार, देवताओं के राजा को 'इन्द्र'

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6 मई 2022
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मल्लिका

मल्लिका आधुनिक हिन्दी के निर्माता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की वह प्रेमिका थी जिसके संबंध में इतिहास और साहित्य मौन है। भारतेन्दु के घर के पास रहने वाली बाल-विधवा, मल्लिका ने भारतेन्दु से हिन्दी पढ़ना-लिखना सीखकर बांग्ला के तीन उपन्यासों का हिन्दी में अन

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9 जुलाई 2022
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धर्मपुत्र

धर्मपुत्र इंसान की गरिमा पर सवाल उठाते हैं। क्या किसी मनुष्य की उपस्थिति उसके परिवार के आधार पर निर्भर करती है या उसने किस प्रकार के शैक्षिक संस्कार प्राप्त किए हैं। यह कहानी हिंदू और मुस्लिम परिवारों की है। जिनका रिश्ता बहुत ही दोस्ताना होता है। हिं

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18 मई 2022
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पंचकन्या

'शिगाफ़' और 'शालभंजिका' जैसे उपन्यासों के बाद मनीषा कुलश्रेष्ठ का नया उपन्यास 'पंचकन्या' कई पुराणों और मिथकों की अन्तर्धव्नियों को अपने में समेटे वर्तमान की ज़मीन पर भारतीय स्त्री के जीवन, उसकी अस्मिता, उसके स्वप्नों और भविष्य की संभावनाओं को नए सिरे

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9 जुलाई 2022
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 बनारस टॉकीज

एक आदर्श कॉलेज। तीन अपूर्ण छात्र। एक देखभाल करने वाला छात्रावास। तीन लापरवाह साथी। निर्णायक वर्ष। तीन अज्ञानी आत्माएं। एक बम विस्फोट और एक करीबी दाढ़ी। बीएचयू के द्वार से जीवन में आपका स्वागत है।

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4 मई 2022
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इदन्नमम

हिंदी कथा-रचनाओं की सुसंस्कृत सटीक और बेरंगी भाषा के बीच गाँव की इस कहानी को मैत्रेयी ने लोक-कथाओं के स्वाभाविक ढंग से लिख दिया है

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11 जुलाई 2022
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नरक दर नरक

उपन्यास की भाषा संक्रमण काल के उफनते-खलबलाते जीवन की संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के अनुरूप सरल-ओजस्वी लगी। विशेषकर उषा या माँ की सामाजिकता और आवरणरहित स्वाभाविकता। कथानक और उसके अनुषंग मर्मस्पर्श के साथ नए जीवन-संतुलन की चेतना को भी कुरेदते हैं। 'नरक दर

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19 मई 2022
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काशी ( काले मंदिर का रहस्य )

“ब्रह्मांड की समस्त काली शक्तियां उसकी दास हैं. . . ” 1699 ईसापूर्व, आर्यवर्त के दलदल – जब प्रलय की लहरें एक-एक नगर को अपनी चपेट में लेती जा रही थी, तब विराट नौका और धरती के बीच एक अंतिम युद्ध की शुरुआत हुई। एक निर्मम राजा ने मानवजाति के अस्तित्व को

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5 मई 2022
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 मेलुहा के मृत्युंजय

जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता

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6 मई 2022
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शर्ट का तीसरा बटन

मैं अपने घर में थी जब मैंने ‘अपराध और दंड’ पढ़ी थी और घर छोड़ते ही मैंने ‘चित्रलेखा’ पढ़ना शुरू किया था। बहुत कोशिश के बाद भी मैं ‘अपराध और दंड’ को छोड़ नहीं पाई। मैंने उसे अपने बैग में रख लिया। बीच-बीच में ‘चित्रलेखा’ पढ़ते हुए मैं ‘अपराध और दंड’ के

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9 मई 2022
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 बेघर

‘बेघर’ ममता कालिया का पहला उपन्यास और उनकी दूसरी पुस्तक है। यह कृति अपनी ताजगी , तेवर और ताप से एक बारगी प्रबुद्ध पाठकों और आलोचकों का ध्यान खींचती है। इस पुस्तक के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं, पेपर बैक संक्षिप्त संस्करण भी । हिन्दी उपन्यास

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19 मई 2022
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चोखेर बाली

रवीन्द्रनाथ टैगोर का उपन्यास चोखेर बाली हिन्दी में ‘आँख की किरकिरी’ के नाम से प्रचलित है। प्रेम, वासना, दोस्ती और दाम्पत्य-जीवन की भावनाओं के भंवर में डूबते-उतरते चोखेर बाली के पात्रों-विनोदिनी, आशालता, महेन्द्र और बिहारी-की यह मार्मिक कहानी है। 1902

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20 मई 2022
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 असुर - पराजितों की गाथा

नंबर 1 राष्ट्रीय बेस्टसेलर रहे अंग्रेज़ी उपन्यास के इस हिन्दी अनुवाद में लंकापति रावण व उसकी प्रजा की कहानी सुनाई गई है। यह गाथा है जय और पराजय की, असुरों के दमन की — एक ऐसी कहानी की जिसे भारत के दमित व शोषित जातिच्युत 3000 वर्षों से सँजोते आ रहे हैं।

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10 मई 2022
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योगायोग

सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ यह कहावत मधुसूदन पर बिलकुल भी चरितार्थ नहीं होती थी, क्योंकि वह ‘जोरू के भाई’ विप्रदास की ही नहीं, ‘जोरू’ कुमुदिनी की भी उपेक्षा करता था, जबकि कुमुदिनी से शादी का प्रस्ताव भी उस ने स्वयं ही विप्रदास के पास भेजा थ

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20 मई 2022
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 गोरा

जब गोरा का कोई नाम, जाति और धर्म नहीं था, तो परिस्थितियों ने उसे नाम दिया - गोरामोहन, जाति - ब्राह्मण, और धर्म - हिंदू। जबकि वह हिंदू धर्म के सच्चे पैरोकार थे, धर्म ने उन्हें एक बहिष्कृत और अछूत कहकर खारिज कर दिया। इस उत्कृष्ट कृति में, टैगोर सभी भार

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20 मई 2022
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