कुछ तस्वीर पल भर के फ्रेम में लंबी दास्तानें दर्ज कर लेती हैं। मेरठ से लौट रहा था। दूसरी तरफ की सड़क पर दिल्ली से बस आ रही थी। तभी तेज़ी से एक टाटा सफ़ारी ने बस को रांग साइट से ओवर टेक किया और बस के ठीक आगे गाड़ी खड़ी हो गई। मैं पहले से भी तस्वीरें ले रहा था। झटके भर में ये सीन देखा। महिला अकेले टाट सफ़ारी चला रही थी। गाड़ी से उतरीं और रंगदार बन रहे बस के ड्राईवर को हड़का लिया। पूरी बस और ड्राईवर साहब सदमे में आ गए। आसपास के लोगों को कुछ समझ नहीं आया। काश मैं टाटा सफ़ारी के पीछे सहमी बस की तस्वीर एक ही फ्रेम में ले पाता।बस से दस पाँच मीटर आगे टाटा सफ़ारी खड़ी थी।
दिल्ली जाने वाली सड़क पर मेरी इनोवा आगे बढ़ गई। मैं खटाखट क्लिक किये जा रहा था। कुछ तो फ्रेम में आएगा। जो आया वो तस्वीर आपके सामने है। मुड़ अकेली महिला चालक का बीच सड़क पर और वो भी सामने से हिसाब करने का यह तरीका पसंद आया।ड्राईवर की पूरी सोच बदल गई होगी।अक्सर देखा है कि महिला चालकों की गाड़ी को दबा कर निकलते हुए ताकि उन्हें डर लग जाए। ये एक ऐसी तस्वीर है जिसे देखने के बाद मर्द चालकों की चाल बदलने की उम्मीद की जा सकती है।