2014 में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध संसद का चुनाव हारने के बाद दिल्ली के मुख्य मंत्री एवं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल उत्तर प्रदेश की जनता को मुर्ख बनाने से खासे डरे हुऐ है। पार्लियामेंट चुनाव में अमेठी से ही हारने के बाद आम आदमी पार्टी के कविवर नेता कुमार विश्वास ने भी सक्रिय राजनीति से हायः खींच लिया है। उत्तर प्रदेश से चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी ने यहाँ की राजनीति में अपनी दाल न गलते देख विधानसभा चुनावो में अपनी पार्टी को चुनाव लड़ाना तो दूर उत्तर प्रदेश में किसी भी दल को समर्थन देने की भी हिम्मत नहीं जुटा सके।
वास्तविकता यह है कि अरविन्द केजरीवाल इस बात से भली भाँति भिज्ञ है कि उत्तर प्रदेश की जनता के आगे उनकी जुमले बाज़ी और ईमानदारी का नाटक सहन नहीं कर पायेगे। केजरीवाल केवल ऐसी जगहों पर ही विचरण करते है जहाँ कैमरा उनके सामने हो और वे समाचार ों की सुर्खियों में बने रहे । यूपी की जनता केजरीवाल के कारनामो को जानती है और इसी कारण उत्तर लरदेश में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता भी निष्क्रीय होते जा रहे है