लखनऊ-: इसी मंगलवार की रात लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में लगभग 11 घंटे तक चली पुलिस मुठभेड मे मारा गया आतंकी सैफुल्लाह बेहद खतरनाक आतंकी था। आईएस से जुडे इस शख्स ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में भयंकर खूनखराबा करने का पूरा खाका तैयार कर लिया था। इसी के तहत आईएस की योजना उत्तर प्रदेश में भी आतंकपीडित जम्मूकाश्मीर जैसे हालात पैदा करने की है। इसके लिये वह अर्से से अपने समर्थकों की तादाद बढाता ही जा रहा है, ताकि उसके जरिये पुलिस के काम में जबरदस्त अवरोध पैदा किया जा सके।
बहरहाल, पुलिस मुठभेड में मारा गया आतंकी सैफुल्ला काकोरी की हाजी कालोनी में बादशाह खान के मकान में पिछले तीन महीने से रह रहा था। इसके पास से 650 जिंदा कारतूस, भारी मात्रा में गोला सामग्री, भारत का नक्शा, भारतीय करेंसी, आठ पिस्तौल, बैट्री चार्जर, पासपोर्ट, माउस, छोटी घडियां, चाकू, सोना, सिमकार्ड आई.एस. के झंडे आदि से इसी आशंका को बल मिला है। इस आतंकी संगठन का इरादा इसी 27 मार्च को लखनऊ के पडोसी जिला में भयंकर खूनखराबा करने का था। इस संदर्भ में यह कहना गलत नहीं होगा कि अर्से से उत्तर प्रदेश में भी जम्मूकाश्मीर जैसे हालात बनाने की कोशिशें की जा रही हैं।
कल लखनऊ में हुई वारदात से कुछ ऐसा ही होता जान पडा है। यहां काकोरी की हाजी कालोनी में आतंकियों की पुलिस घेराबंदी की सूचना मिलते ही आसपास के लगभग डेढ हजार लोगों की भीड ने उक्त मकान को घेर लिया, जिसमें सैफुल्लाह छिपा हुआ था। इस भीड पर काबू करने के लिये 15 थानों की पुलिस बुलवाई गयी थी। लेकिन, उत्तेजित लोगों की भीड हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। लोग बार बार आतंकियों के छिपने वाले मकान के पास पहुंच जाते थे। दूसरी ओर, पुलिस इस प्रयास में थी कि फायरिंग करने पर लोग उसके चपेटे में न आ जाये। इसी पशोपेश में रात दस बज गये। अंततः उसे विवश होकर मिर्ची बम का प्रयोग करना पडा। लेकिन, यह भी बेअसर साबित हुआ। इस तरह तमाम कोशिशों के बेकार साबित हो जाने पर गंभीर परिणामों की चेतावनी के बाद ही अपनी जान का खतरा समझकर लोग तितरबितर हुए। इसी तरह कल ही कानपुर के चकेरी इलाके में छिपे एक आतंकी को दबोचने के लिये पुलिस वहां बहुत ही गुपचुप तरीके से पहुंची थी। लेकिन, पुलिस बल को देखकर वहां एक मकान की छत पर खेल रहे बच्चों ने आगाह करने के इरादे से शोर मचा दिया। नतीजतन, बनता काम बिगड गया।
बताया जाता है कि उसके पास संदिग्ध लोगों का बराबर आना जाना बना रहा। इनके साथ उसकी बैठके लगातार होती रहीं हैं। लेकिन, लगता है कि अपनी खाल बचाने के डर से इसकी सूचना मिलने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही। इस संबंध में लखनऊ की एस.एस.पी मंजिल सैनी का कहना है कि मकान मालिक ने सैफुल्ला को बतौर किरायेदार रखने के पहले उसका सत्यापन नहीं कराया था और स्थानीय पुलिस ने भी लापरवाही बरती थी। इसलिये इन दोनों प्रकरणों की जांच करायी जायेगी। आईएस की इसी योजना के तहत मृतक आतंकी सैफुल्ला को कानपुर से बडी मदद मिली थी। रहमानी मार्केट के एक दुकानदार से उसे मोबाइल दिया था। इसे गिरफ्त में लेने के इरादे से कल देर रात पुलिस ने कानपुर के जाजमऊ, तलाकमहल और उन्नाव के सिंगरौसी इलाके में छापा मारा था। इसमें तलाकमहल के रहमानी मार्केट में पुलिस के हत्थे चढे एक संदिग्ध आतंकवादी को भीड ने छुडवा लिया। कुछ साल पहले भी इसी इलाके से एक संदिग्ध आतंकवादी पकडा गया था।
आईएस की इसी योजना के तहत मृतक आतंकी सैफुल्ला को कानपुर से बडी मदद मिली थी। रहमानी मार्केट के एक दुकानदार से उसे मोबाइल दिया था। इसे गिरफ्त में लेने के इरादे से कल देर रात पुलिस ने कानपुर के जाजमऊ, तलाकमहल और उन्नाव के सिंगरौसी इलाके में छापा मारा था। इसमें तलाकमहल के रहमानी मार्केट में पुलिस के हत्थे चढे एक संदिग्ध आतंकवादी को भीड ने छुडवा लिया। कुछ साल पहले भी इसी इलाके से एक संदिग्ध आतंकवादी पकडा गया था। एन.आई.ए. ने कुशीनगर से आई.एस. के सेकेंड कमांडर मो. रिजवान को गिरफ्तार किया था। यह मुबंई में आईएस के इंडिया चीफ शेख मुदब्बिर के साथ मिलकर कई योजनाओं पर काम कर रहा था। हरदोई से समी आजमी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार एक अन्य आतंकी तहसीन अख्तर की माने, तो वह समूचे प्रदेश को दहला देने की पुरजोर कोशिश में था।
इस संबंध में विडंबना यह है कि इस बार भी आतंकवादियों के मामले में तेलंगाना पुलिस से सूचना मिलने के बाद ही प्रदेश पुलिस की नींद खुली। इसके बाद एटीएस ने कानपुर तथा इटावा में छापा मारकर संदिग्ध आतंकी फैसल खाँ, मो. इमरान और फकरे आलम को गिरफ्तार किया। इस तरह कानपुर से छह, इटावा से चार, हरदोई से 12 और उन्नाव से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया गया । इटावा से गिरफ्तार आतंकी के पास से आईएसआईएस की प्रचार सामग्री और तीन लैपटॉप मिले हैं। इनमें बम बनाने के तरीके के बारे में विस्तार से दी गयी जानकारी सुरक्षित है। उल् लेख नीय है कि 22 जनवरी 2016 को एन.आई.ए. ने लखनऊ के इंदिरा नगर में मो0 अलीम को दबोचा था। इसे यूपी में आई की जडें फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इसने पिछले साल यहां आईएसआईएस आतंकियों की बैठक कराई थी। इसमें इस आतंकी संगठन से युवाओं को जोडने का फैसला लिया गया था।
एन.आई.ए. ने ही कुशीनगर से आई.एस. के सेकेंड कमांडर मो. रिजवान को गिरफ्तार किया था। यह मुबंई में आईएस के इंडिया चीफ शेख मुदब्बिर के साथ मिलकर कई योजनाओं पर काम कर रहा था। हरदोई से समी आजमी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार एक अन्य आतंकी तहसीन अख्तर की माने, तो वह समूचे प्रदेश को दहला देने की पुरजोर कोशिश में था।सूत्रों की माने तो लखनऊ पाँशकालोनी इंदिरानगर खूँखार आतंकी अलीम की गिरफ़्तारी के बाद यह बेहद सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि उसका इरादा समुचे प्रदेश में भयंकर खूनखराबा करने का था। पिछले साल उसने आठ आतंकियों को बुलाकर उनके साथ एक गोपनीय बैठक की थी। इस बैठक में शामिल होने के लिये आये तीन युवक रुडकी के थे। शेष पांच युवकों में अलीम के अलावा कुशीनगर का रिजवान और हैदराबाद से आया एक युवक था। शेष दो युवकों की भी पहचान की जा चुकी है। इन्हें भी शीघ्र ही गिरफ्तार किया जा सकता है। UPकी खबरों के लिए संपर्क करे -:9889991111