लखनऊ:चुनाव से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्य्क्ष अमित शाह की किदांओ की कर्ज़ माफी की घोषणा को आज योगी आदित्य नाथ की सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में अमली जामा पहना दिया।
उत्तर प्रदेश के किसानों पर करीब 5000 करोड़ का भार था जिसे फसल अच्छी न होने तथा फसल का सही दाम न मिलने के कारण किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ थे। किसानों की माली हालत देखकर विधान सभा चुनाव से पूर्व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्य्क्ष ने किसानों की कर्ज़ माफी की घोषणा की थी।इतना ही नही उन्होंने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मंत्री मंडल की पहली बैठक में ही कर्ज़ माफी का निर्णय लिया जायेगा।
19 मार्च 3017 को भाजपा सरकार जे गठन के बाद आज पहली बार मंत्री परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक के एजेंडा में ज्वलंत मामला किसान कर्ज माफी का ही मुद्दा था जिसपर मंत्री परिषद ने अपनी मुहर लगा दी।
मंत्रि परिषद द्वारा लिए गये निर्णय के बारे में मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने बताया 8600000 लघु और सीमांत किसानों का 100000 तक का कर्ज माफ का दिया गया है। इससे राज्य सरकार पर 36000 करोड़ का अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
व्यय भर को समायोजित करने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से ऋण की मांग करेगी ।
अंतोतगत्वा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव पूर्व भाजपा की ओर से किये गए उस वादे को पूरा कर दिया है जिसके पीछे उनके विरोधी मुख्यतः अखिलेश यादव और मायावती की निगाह लगी थी।