देहरादून : उत्तराखंड में नई बीजेपी सरकार बन गई लेकिन अंदरूनी कलह का डर कांग्रेस की तरह बना हुआ है। ख़बरों की माने तो बीजेपी में ये कलह सरकार बनने के कुछ दिन बाद से ही शुरू हो गया। बीजेपी के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर पार्टी में अपनी अनदेखी से नाराज हैं। इसको लेकर उनके समर्थकों में जोरदार आक्रोश है और केंट विधानसभा के भाजपा युवा मोर्चा के सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की बात भी कही है।
उत्तराखंड बीजेपी में इस बार लड़ाई मुख्यमंत्री पद की नही बल्कि विधानसभा अध्यक्ष की है। कहा जा रहा है कि हरबंस कपूर विधानसभा अध्यक्ष बनना चाहते थे लेकिन उनकी जगह पर बीजेपी ने ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल का नाम चयनित कर दिया। हालाँकि हरबंस कपूर पहले से ही प्रोटेम स्पीकर हैं ऐसे में उन्हें स्पीकर नही बनाया जा सकता।
सूत्रों की माने तो हरबंस कपूर मंत्रिमंडल में भी जगह पाना चाहते थे लेकिन उन्हें जगह नही मिली। कपूर को इस बात की उम्मीद थी कि उन्हें मंत्री तो नही बनाया गया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष उन्हें बनाया जायेगा। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या आने वाले समय में बीजेपी के भीतर से इस तरह की और भी आवाज़ें तो नही उठेंगी
क्योंकि उत्तराखंड बीजेपी के एक और नेता प्रकाश पन्त की नाराजगी की बात भी पहले सामने आयी थी। पन्त का नाम सीएम की रेस में भी था और वह कुमाऊं मंडल के होने के कारण भगत सिंह कोश्यारी के भी करीबी माने जाते हैं। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की दावेदारी की लड़ाई पहले से रही है।
बीजेपी ने अपनी नई सरकार में कांग्रेस से बीजेपी में आये बागी नेताओं को मंत्री बनाया है। इन नेताओं में हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, रेखा आर्य और सुबोध उनियाल जैसे नेताओं के नाम भी शामिल हैं।