देहरादून: अजब हैरानी - ग़ज़ब हैरानी, होनी तो नहीं चाहिए लेकिन होना लाज़मी है, नई तस्वीर पर नाम पुराना, जी उत्तराखण्ड सरकार की वेबसाईट पर पहुंचते ही आपके सामने CM TSR और राज्यपाल की तस्वीर चस्पा दिखाई देगी, दोनों की तस्वीर के नीचे नाम चस्पा हैं एक तरफ गवर्नर के के पॉल तो ओर CM की तस्वीर के नीचे त्रिवेंद्र रावत नहीं बल्कि मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखा है. यानी आनन फ़ानन में कर्मचारियों ने TSR की तस्वीर तो बदली लेकिन नाम के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह पूर्व सीएम हरीश रावत का ही उल् लेख है. इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति अपने विधायक या किसी मंत्री से संपर्क करना चाहे तो वह भी नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी तक संपर्क सदस्यों की सूची को भी अपडेट नहीं किया गया.
10 दिन बाद गौण हैं सिस्टम, डिजिटल इंडिया
CM TSR को शपथ लिए 1 या दो नहीं बल्कि पूरे दस दिन बीत चुके हैं लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों का आलम यह कि न तो उन्हें बात करने की फ़ुर्सत है और न ही काम की, तो अब वो क्या रहे हैं यह खुद ही तय करें, लेकिन यह सब देखकर एक बात तो साफ है कि भले ही सूबे के मुखिया टीएसआर पूरी दमखम के साथ पीएम मोदी का सहयोग करने की बात कह रहे हों, लेकिन उत्तराखण्ड सरकार की यह वेबसाईट का हाल बताता है कि डिजिटल के मद्देनज़र इनकी सृजगता है कितनी ? डिजीटल को लेकर गंभीरता की भी कलई खोलता है ? वह भी तब जब केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया का विज्ञापन ही इस पर चस्पा हो.
उत्तराखण्ड को मिला हरफ़नमौला CM TSR
सवाल कई हैं लेकिन जवाब कौन देगा? जब बात करने के लिए CM TSR से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उनका नंबर लगातार बंद आ रहा था. विधानसभा हालांकि CM TSR ज़रा का अंदाज़ बाकी से जुदा है, बेहद ही सादगी से रहने वाले टीएसआर ने जिस दिन से सूबे के मुखिया कि गद्दी संभाली मानों आमूलचूल परिवर्तन में लग गए, अब उम्मीद और आस यही कि इनके अधिकारी और मंत्री भी सीएम साहब को तस्वीर और नाम दोनों से ही न केवल जानें बल्कि पहचाने भी.