देहरादून: भाजपा नेतृत्व ने मान लिया है कि हरीश रावत चाहे जितनी कोशिश कर लें, कालेधन की लड़ाई के दौर में वह सत्ता में वापस नहीं आने वाले। लेकिन हरीश रावत के पराजित होने से कहीं बड़ी मुसीबत BJP के घर के अंदर की कलह है। सूत्रों के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी जहां ईमानदार छवि वाले केंद्रिय मंत्री अजय टम्टा की पीठ पर हांथ रख चुके हैं। वहीं संघ के कुछ बड़े नेताओं के समर्थन से अनिल बलूनी राष्ट्रीय प्रवक्ता भी मार्च के महीने में शपथ लेने का सपना देख रहे हैं। इन दोनों के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष अजय भट्ट अपने आप को स्वाभाविक दावेदार मानते हैं।
दरअसल विश्वसनीय सूत्रों कि मानें तो ख़बर यह भी है कि इसी स्वाभाविक दावेदारी को लेकर अजय भट्ट और अजय टमटा में दूरियां भई बढ़ती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के क़द को रातों रात सेंध लगती नज़र आ रही है। वह अचानक दिल्ली में नेताओं से मिलने आ पहुंचे हैं। हालांकि संसद चल रही है और सारे सांसदों को दिल्ली में बुलाया गया है। लेकिन दिल्ली से बेहद क़रीब उत्तराखंड से सांसद और केन्द्रिय मंत्री अजय टम्टा को मोदी द्वारा कहा गया है कि आप पूरा ध्यान चुनाव में लगाएं। दरअसल उत्तराखंड बीजेपी के भीतर ही भीतर आग लगी हुई है और ज़ाहिर है अब धुआं भी दिखने लगा है।
दरअसल मोदी नहीं चाहते कि खंडूरी से लेकर कोशियारी तक कोई भी मुख्यमंत्री का दावेदार हो । इनकी बढ़ती उम्र के चलते मोदी इनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहते। निशंक कालेधन के दौर में खुद ब खुद बाहर हो चुके हैं। इसके बाद मोदी की नज़र अजय टम्टा को लेकर भी है और मोदी का पूरा समर्थन टम्टा को प्राप्त है। जिसके चलते अजय टम्टा संसद छोड़ उत्तराखंड में बीजेपी के प्रचार प्रसार में मसरूफ़ हैं।