नई दिल्ली : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का ऐलान शुक्रवार को होने वाली बीजेपी की विधायक दल की बैठक के बाद कर दिया जायेगा। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में जिन नामों की चर्चा है उनमे आरएसएस के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम सबसे आगे है। वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून की डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं हालाँकि वह उत्तराखंड में पिछले विधानसभा चुनाव हार गए थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में निभाई अहम् भूमिका
त्रिवेंद्र सिंह का नाम उत्तराखंड के सीएम की रेस में इस लिहाज से भी लिया जा रहा है क्योंकि वह आरएसएस के साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। रावत साल 2014 के लोकसभा चुनावों में अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव में झारखण्ड का प्रभारी बनाया गया था।
2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे
साल 2007 से लेकर साल 2012 तक उत्तराखंड में जब बीजेपी की सरकार थी तब उन्हें कृषि मंत्रालय दिया गया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के कृषि मंत्री रहने के दौरान कुछ विवाद भी उनके नाम के साथ जुड़े। ढ़ेंचा बीज घोटाले में उनका नाम सामने आया और यह मामला अभी अदालत में मौजूद है।
सतपाल महाराज का भी नाम रेस में
साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सतपाल महाराज का नाम भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल बताया जा रहा था। कभी कांग्रेस के खांटी नेता रहे सतपाल महाराज कांग्रेस सरकार में रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार में भी वह मुख्यमंत्री के दावेदार थे लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नही बनाया गया। शायद यही कारण रहा की उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन पकड़ा। महाराज की पत्नी भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।