देहरादून: उत्तराखण्ड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री मदन कौशिक की मुशक़िले लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, पिछले विधायकी कार्यकाल में हरिद्वार लाइब्रेरी घोटाले में मंत्री मदन कौशिक ने पल्ला तो झाड़ लिया था। ग़ौरतलब है कि संबंधित विभाग के अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है, जिसके बाद से कांग्रेस ने भी हमलावर तेवर अख़्तियार करते हुये मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की है।
मदन कौशिक की विधायक निधि से हुआ है लाइब्रेरी निर्माण
गौर हो कि साल 2009 में मदन कौशिक ने विधायक निधि से हरिद्वार में 10 पुस्तकालयों का निर्माण करवाया था। प्रत्येक पुस्तकालय की कीमत लगभग 2 लाख रुपये थी। हैरानी की बात ये है कि इस मामले में किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया और कोर्ट में एक याचिका के बाद ये सारा मामला सामने आया। कोर्ट सख्त हुआ तो जिला प्रशासन भी हरकत में आया और एक अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।
क्या था मामला
साल 2009 में विधायक निधि से मदन कौशिक ने शहर में 10 लाइब्रेरी बनवाई थी. विधायक कौशिक ने इसका बजट भी खर्चे में दिखा दिया. लेकिन लाइब्रेरी तो छोड़िए हरिद्वार शहर में पुस्तकालय का फर्नीचर तक नहीं है. याचिका कर्ता दिनेश जोशी का कहना है कि उन्होंने ये जानने के लिए याचिका डाली थी कि वो पुस्तकालय हैं, कहा जिसपर कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे.
किशोर उपाध्याय का सीधा वार
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने इस मामले में कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री को सं ज्ञान लेना चाहिए। जब एक विधायक ही ऐसे करेंगे तो फिर औरों का क्या हाल होगा? किशोर का कहना है की ऐसे लोगों को सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने किया मंत्री का समर्थन
पुराने घोटाले में फंसे मंत्री मदन कौशिक के बचाव में अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने मोर्चा संभाल लिया है। भट्ट का कहना है कि इसमें विधायक का कोई दोष नहीं है। इस मामले में संबंधित विभाग को ही दोषी मानना चाहिए। हालांकि अजय भट्ट ने यह भी कहा कि मदन कौशिक को मॉनीटरिंग करनी चाहिए थी।