तमिलनाडु : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को दफनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. उनके पार्थिव शरीर को दाह नहीं दिए जाने का विरोध हो रहा है. श्रीरंगापट्टनम में उनका सांकेतिक दाह किया. इस बार दाह संस्कार उनके अयंगकर समुदाय के रीति-रिवाज से किया गया.
जया के शव की जगह एक गुड़िया को उनकी प्रतिकृति मानते हुए रखा गया. उस गुड़िया पर अयंगरकर समुदाय के अनुसार दाह संस्कार की रस्में पूरी करवाई गईं. रिश्तेदारों का मानना था कि जयललिता को दफनाया गया, न कि उनका दाह संस्कार किया गया, इसिलए 'मोक्ष' की प्राप्ति के लिए उनका दाह संस्कार किया गया. संस्कार से जुड़े कुछ और कर्मों को अगले पांच दिन में पूरा किया जाएगा.
अपने समर्थकों के बीच 'अम्मा' के नाम से मशहूर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का 5 दिसंबर की रात 11.30 बजे निधन हो गया था. जयललिता का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्हें उनके गुरु और गाइड एमजी रामचंद्रन की समाधि के बगल में दफनाया गया है.
जयललिता के करीबी लोगों के मुताबिक, 'अम्मा' किसी जाति और धार्मिक पहचान से परे थीं, इसलिए उन्हें पेरियार, अन्ना दुरई और एमजीआर जैसे ज्यादातर बड़े द्रविड़ नेताओं की तरह उनके पार्थिव शरीर को भी दफन करने का फैसला किया गया था.