यूपी विधानसभा में खतरनाक विस्फोटक पाए जाने के बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों को शक है कि बिना किसी विधायक या उनके निजी स्टाफ के विस्फोटक विधान भवन के भीतर सदन में ले जाना संभव नहीं है. ये भी शक किया जा रहा कि सुरक्षा कर्मियों को भारी रकम देकर विस्फोटक सदन में प्लांट कराया गया है. ये भी कहा जा रहा है कि PETN जैसे विस्फोटक का सदन में पहुंचना किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ट्रायल रन था. घटना इतनी बड़ी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इस सिलसिले में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
आई बी ने प्रिलिमिनरी रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ विस्फोटक बरामद हुआ है, टाइमर और डेटोनेटर नहीं मिला है इसलिए ये घटना या तो ट्रायल रन है या फिर सरकार को बदनाम करने की साज़िश. अगर बदनाम करने की भी साज़िश है तो भी ये साफ़ है कि जो व्यक्ति भी PETN जैसा हाई क्वालिटी विस्फोटक ले कर सदन में आया उसके तार आतंकी संगठन या माईनिंग एक्सपर्ट से जुड़े होंगे. PETN जैसे 'लो प्रेशर वेपर' विस्फोटक को खुफ़िये कुत्ते, एक्सरे मशीन और मेटल डेटेटक्टर नहीं पकड़ सकते हैं.
प्रवेश पत्र के रिकॉर्ड और CCTV फुटेज से खुल सकते हैं राज़
यूपी विधानसभा को विस्फोटक से उड़ाने की गहरी साज़िश बेनकाब होने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं की सचिवालय से जारी सभी स्थायी और अस्थायी प्रवेश पत्र की सघन जांच हो. यही नहीं जिस दिन विस्फोटक विधान सभा में रखा गया उस दिन विधान सभा के गेट से किन व्यक्तियों को किसकी सिफारिश पर प्रवेश पत्र दिए गए थे. NIA सूत्रों का मानना है कि योगी के इस फैसले से साज़िश का चेहरा बेनकाब करने में मदद मिल सकती है.
उधर विस्फोटक बरामद होने के बाद हरकत में आई केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसी आई बी ने शक जताया है कि विस्फोटक विधान सभा के भीतर पहुंचाने में किसी विधायक या सुरक्षा कर्मी का हाथ हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विधायक या किसी मार्शल या कर्मचारी की मदद के बिना PETN जैसा विस्फोटक हाई सिक्योरिटी सचिवालय में लाया नहीं जा सकता है. इस बीच जांच एजेंसियां विधान भवन और सचिवालय में लगे CCTV की फुटेज खंगाल रहे हैं ताकि 11/12 की रात और सुबह विधान सभा के अंदर जाने वालों की पहचान की जा सके.
अगर डेटोनेटर से जुड़ा होता PETN तो दुनिया में अब तक का सबसे हाई टारगेट हमला होता
उधर विस्फोटक की जांच करने वाले FSL वै ज्ञान िकों ने इंडिया संवाद को बताया 150 ग्राम PETN जो "हाई क्वालिटी एक्सप्लोसिव" श्रेणी का विस्फोटक है विधान भवन से बरामद किया गया था. अगर टाइमर और डेटोनेटर की मदद से इसे विस्फोट किया जाता तो विधान भवन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता था. अगर विस्फोट विधान सभा चलते समय होता तो दुनिया का अब तक का सबसे हाई टारगेट आतंकी हमला कहलाता जिसमे सैकड़ों जाने जा सकती थीं.
इंडिया संवाद ने NIA के बड़े अधिकारी से विस्फोट बरामद होने के बारे में जब मकसद जानना चाहा तो इस अधिकारी ने कहा कि ये सोची समझी साज़िश के तहत ट्रायल रन था. आतंकी ये जानना चाह रहे थे कि क्या हाई क्वालिटी विस्फोटक विधान भवन की सुरक्षा को भेद कर सीधे सदन में ले जाया जा सकता है. इस अधिकारी का कहना था कि जब विधान सभा ये जांच उनको देगी तब इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डाटा के ज़रिये वो साज़िश की तह में जा सकेंगे. जांच के प्रारंभिक चरण में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना अंदाज़ा होगा.