नई दिल्ली: तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री ईके पलनीसामी ने विश्वासमत हासिल कर लिया है. बिना विपक्ष की मौजूदगी में पलनीसामी ने 234 सदस्यों वाली विधानसभा में आधे से ज़्यादा विधायकों का बहुमत हाासिल कर लिया है. इससे पहले इस दौरान अराजक स्थिति देखने को मिली. पलनीसामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. पलनीसामी को विधानसभा में शनिवार को बहुतम साबित करना है लेकिन भारी हंगामे के कारण बार-बार सदन की कार्यवाही भी स्थगित हुई.
इससे पहले विपक्षी दलों द्वारा विधानसभा में गुप्त मतदान की भी मांग की. सदन में कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद पलानीस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद विपक्ष के नेता एम.के.स्टालिन ने उनके साथ तीखी नोकझोंक की और विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल से गुप्त मतदान कराने का आग्रह किया.यानी तमिलनाडु के 7.5 करोड़ लोगों की नज़र आज विधानसभा पर थी...
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनके काम में कोई भी विधायक दखलंदाजी नहीं कर सकता. स्टालिन ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है, फिर इतनी जल्दी क्या है. इस बीच मुख्यमंत्री के समर्थक विधायक चुप रहे, लेकिन द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) विधायकों ने धनपाल को चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाज़ी करने लगे. इस दौरान सदन के गेट बंद कर दिए गए.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के विधायकों ने सदन के एजेंडा पेपर को भी फाड़ दिया. हंगामा लगातार जारी रहा और धनपाल अपने चैंबर में चले गए और विधानसभा की कार्यवाही अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने भी गुप्त मतदान की मांग की है. 1 बजे जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा होने लगा. इसपर स्पीकर ने डीएमके सभी विधायकों को सदन से बाहर कर दिया. और कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
स्पीकर पी धनपाल का कहना था कि उनके साथ हाथापाई की गई और उनकी शर्ट भी फाड़ी गई. विधानसभा में भारी हंगामे के दौरान एक अधिकारी घायल हो गया जिसे अस्पताल ले जाया गया. स्पीकर ने कहा कि मैं सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए बाध्य हूं. मेरे साथ क्या हुआ, मैं किसी बताने जाऊं. मेरी कमीज फाड़ दी गई और मेरा अपमान किया गया. विधानसभा के बाहर स्टालिन ने भी दावा किया कि उनकी शर्ट भी फाड़ी गई. स्टालिन फटी शर्ट के साथ ही मीडिया के सामने आए. स्टालिन ने स्पीकर के साथ हुई घटना पर खेद जताया. डीएमके के विधायक सदन के बाहर धरने पर भी बैठे. सुरक्षा व्यवस्था के लिए विधानसभा के बाहर 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.