... उप राष्ट्रपति की पत्नी सलमा अंसारी ने इस सन्दर्भ में कहा कि 'ॐ' के उच्चारण से ऑक्सीजन मिलती है इसलिए इसका विरोध गलत है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मदरसा अलनूर स्कूल में बच्चों को सम्मानित करने गयीं सलमा अंसारी ने तब यह भी कहा कि वे भी योग करती हैं क्योंकि इससे फिटनेस मिलती है, तो योग से उन्हें बीमारी से उबरने में मदद मिली है. सलमा अंसारी ने गर्व से कहा कि अगर उन्होंने योग नहीं किया होता तो उनकी हड्डी टूट गई होती. जाहिर है, इस बात से उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा लगा है, जो हर कार्य में विवाद घुसेड़ने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं. साफ़ बात है कि अगर आप पढ़े-लिखे हैं तो आपको हर वो काम करना चाहिए, जिससे आपको फायदा मिलता हो. हालाँकि, 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 'ॐ' के उच्चारण को लेकर मचे बवाल के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू (International Day of Yoga) ने इस मामले में सरकार की तरफ से कहा था कि योग दिवस के मौके पर योग सत्रों के दौरान 'ॐ' का उच्चारण जरूरी नहीं है और यह स्वैच्छिक है. नायडू ने यह भी ट्वीट किया था कि योग को विवादास्पद न बनाएं. जाहिर है, सरकार ने इस मामले में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाया है और अब बारी है उन लोगों की जो इसे फायदेमंद तो समझते हैं लेकिन दकियानूसी लोगों के बहकावे में आकर इसे 'हिन्दुओं का योग' समझते हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations on International Day of Yoga) के अध्यक्ष सैम के कुटेसा ने पिछली साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की और कहा कि 170 से अधिक देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया है. यह एक बड़ी उपलब्धि थी और 'विश्व योग दिवस' वर्ष 2015 में 21 जून को प्रथम बार सम्पूर्ण विश्व में मनाया गया तो प्रत्येक वर्ष यह दिवस 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने का संकल्प...