... अनुराग ठाकुर कहते रहे हैं कि जस्टिस लोढा समिति की सिफारिशें बीसीसीआई की पारदर्शिता में मददगार हैं, लेकिन इसको व्यावहारिक रूप से लागू करने में तमाम दिक्कतें हैं और उन्हें सुलझाना ही अनुराग ठाकुर की काबिलियत को साबित करेगा. कोर्ट का हथौड़ा किस प्रकार ताकतवर क्रिकेट प्रशासक एन. श्रीनिवासन पर चला था, उसे अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur, new BCCI Chief) सहित कोई भी क्रिकेट प्रशासक शायद ही भूला हो और इसलिए इन मामलों में त्वरित राह निकाला जाना आवश्यक है. बीसीसीआई की स्पेशल जनरल मीटिंग द्वारा चुने गए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर वर्ष 2017 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहेंगे, तो उनका कामकाज और सक्षमता यह भी साबित करेगी कि आगे उनकी धमक किस तरह रहेगी! हालाँकि, नए अध्यक्ष महोदय ने क्रिकेट के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का रास्ता अपनाया हैं, तो इसके लिए उन्होंने राज्य के संघों को सोशल साइट पर अपना अकाउंट बनाने का आदेश भी दिया हैं. पारदर्शिता की राह में, अनुराग ठाकुर की गाइडेंस में टीम इंडिया के नए कोच के लिए एप्लीकेशन भी ऑनलाइन ही भरा गया हैं. इसके साथ अनुराग ठाकुर ने अपनी योजनाओं के बार में कहते हैं कि मैच के लिए स्टेडियम का कम से कम 10% टिकट छात्रों, लड़कियों और दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगा. जाहिर है, ऐसे कई कार्य हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. देश के कई ऐसे मैदान हैं जहां उनके शीट का अंकन नहीं हुआ है, जो स्टेडियम के अंदर की सबसे बड़ी परेशानी बताई जाती है. इस परेशानी को सुलझाने के लिए सीट की नम्बरिंग की बात भी कही जा रही है, तो पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण का ध्यान रखते हुए, मैदानों में सोलर पैनल, रेन वॉटर हारवेस्टिंग और ट्रीटेड सीवेज वॉटर का इस्तेमाल किया जाएगा. पर यह सब कैसे होगा और ...