वृक्षारोपण के संकल्प को लेकर,हम धरा को हरा बनायेंगे,पेड़ लगाकर देखभाल कर,उनको बड़ा बनायेंगे।ओज़ोन परत का क्षरण हो रहा,कार्बन के उत्सर्जन से,अब इसे न बढ़ने देंगे,ऑक्सीजन के उत्पादन से।ऑक्सीजन का उत्पादन हो
पावस*पावस बूंँदों से हुई,शीतल धरती आज।चंचल चपला दामिनी,मेघों का है राज।*मानसून*मानसून ने कर दिया,जग जीवन खुशहाल।कृषक खेत में झूमता,बदला उसका काल।*वारिद*नभ में वारिद छा गए,देख नाचते मोर।विरहिन के नयना झरे,देख घटा घनघोर।*पछुआ*पछुआ ले बादल उड़ी,देख टूटती आस।हलधर बैठा खेत में,होता बड़ा निराश।*कृषक*ऋण के
आओ मिलकर पेड़ लगाएँ, जीवन में खुशहाली लाएँ |निज अस्तित्व बचाने को हम इन वृक्षों का मान बढ़ाएँ ||सुबह सवेरे सूरज आकर आँख मिचौली करता इनसे |कभी डाल पर, कभी पुष्प पर, कभी फलों पर करता डेरा ||हरे भरे पेड़ों पर ही तो पंछी गाते गान सुरीला |और पेड़ की छाया में ही हर पंछी का रैन बसेरा ||पुष्प हवा फल खुशबू से है
विश्व पर्यावरण दिवसमनुष्य ही नहीं समस्तप्राणीमात्र – सृष्टि के समस्त जीव - इस स्वयंभू शाश्वत और विहंगम प्रकृति का अंगहै | इसी से समस्त जीवों की उत्पत्ति हुई है | प्रकृति के विकास के साथ ही हम सबकाभी विकास होता है यानी विकास यात्रा में हम प्रकृति के सहचर हैं – सहगामी हैं |प्रदूषित पर्यावरण के द्वारा
सर्वप्रथम सभी कोप्रेम और सौहार्द के प्रतीक रक्षाबन्धन के इस उल्लासमय पावन पर्व की हार्दिकशुभकामनाएँ...इस रक्षा बन्धन आइये मिलकर शपथ लें कि“वृक्षारोपण के साथ ही वृक्षाबन्धन” भी करेंगे ताकि वृक्षों की रक्षा की जा सके...क्योंकि इन्हीं से तो मिलती है हमें शुद्ध और ताज़ी हवा –