विश्व पर्यावरण दिवस
मनुष्य ही नहीं समस्त
प्राणीमात्र – सृष्टि के समस्त जीव - इस स्वयंभू शाश्वत और विहंगम प्रकृति का अंग
है | इसी से समस्त जीवों की उत्पत्ति हुई है | प्रकृति के विकास के साथ ही हम सबका
भी विकास होता है यानी विकास यात्रा में हम प्रकृति के सहचर हैं – सहगामी हैं |
प्रदूषित पर्यावरण के द्वारा यदि हम इस प्रकृति का ही अस्तित्व ख़तरे में डाल देंगे
तो हमारा और दूसरे अन्य अनेकों जीवों का अस्तित्व क्या बचा रह पाएगा ? प्रयावरण की
सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो प्राणिमात्र को प्राकृतिक आपदाओं के रूप में
प्रकृति का कोपभाजन बनने से कोई भी नहीं बचा पाएगा | यद्यपि अभी भी बहुत देर हो
चुकी है, किन्तु फिर भी, यदि अब भी हम
जागरूक नहीं हुए पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति तो वह दिन दूर नहीं जब हम स्वच्छ
हवा में साँस लेने को भी तरस जाएँगे… एक एक बूँद पानी के लिए लोग आपस में झगडेंगे…
जेबों में पैसा भरा होगा लेकिन किसी भाव भी अन्न के दर्शन नहीं होंगे, या होंगे भी
तो बड़ी कठिनाई से…
और ये सब हम इसलिए नहीं लिख
रहे हैं कि ज्योतिष के आधार पर ग्रह नक्षत्रों की गतियाँ ऐसा कुछ बता रही हैं, बल्कि जिस तरह से आज जंगलों की अनावश्यक
कटाई लगातार ज़ारी है, खेती योग्य ज़मीनों को ख़रीद कर जिस
प्रकार वहाँ कंक्रीट के जंगल खड़े किये जा रहे हैं, जिस
प्रकार प्लास्टिक और पोलीथिन का उपयोग करने से हम स्वयं को रोक नहीं पा रहे हैं और
जिस प्रकार Industries और वाहनों से निकलता प्रदूषण हवा और पानी में घुलता जा रहा
है - उस सबको देखकर तो कम से कम यही प्रतीत होता है कि यदि अभी जागरूक नहीं हुए इस
दिशा में तो निश्चित रूप से आने वाला समय जीवमात्र के लिए अनुकूल नहीं रहेगा…
इसी सत्य को समझकर आइये हम
सभी संकल्प लें कि वर्ष में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाएँगे | और केवल लगाना ही
काफी नहीं है, उसकी देख
भाल की व्यवस्था भी करेंगे ताकि वह पल्लवित और पुष्पित होकर हमारे लिए भी और हमारी
भावी पीढ़ियों के लिए भी स्वच्छ और ताज़ा हवा का स्रोत बन सके | साथ ही वनों को
अनावश्यक कटने से बचाएँगे | क्योंकि पर्यावरण सुरक्षित होगा तभी हमारी साँसें भी
सुरक्षित रहेंगी… पर्यावरण अनुकूल होगा तभी सारे मौसम भी अनुकूल रहेंगे और समय पर
आते जाते रहेंगे… पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तभी धरती भी अन्न रूपी सोना उगलेगी और कोई
भूखा प्यासा नहीं सोएगा…
साथ ही केवल एक दिन के लिए World’s
Environment Day के नाम पर गोष्ठियाँ और आन्दोलन करने से भी बात नहीं बनेगी | हमें
हर दिन अपनी हर गतिविधि में पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा… और एक बात, पर्यावरण के प्रदूषण तथा उसकी सुरक्षा
दोनों ही का उत्तरदायित्व सरकार के कन्धों पर सौंप देने से बात नहीं बनेगी | जब तक
हम स्वयं इस दिशा में जागरूक नहीं होंगे तब तक कोई भी सरकार कुछ नहीं कर सकती |
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/06/05/worlds-environment-day/