नई दिल्लीः 28 नवंबर का दिन। अचानक कोलंबिया की पहाड़ियों पर मंडरा रहा लामिया एयरलाइंस का विमान क्रैश हो गया। उसमें सवार ब्राजील टीम के 22 फुटबाल खिलाड़ियों सहित 71 के मारे जाने की घटना ने दुनिया की एयरलाइंस को हिलाकर रख दिया है। अब दुनिया भर के पायलट्स को सुरक्षित उड़ान को लेकर सख्त चेतावनी जारी हुई है। यात्रियों की जिंदगी बचाने के लिए पायलट्स को ट्रेनिंग देने की भी तैयारी हो रही है। ताकि हवाई हादसों को पायलेट्स अपनी कोशिशों से रोक सकें। इस दिशा में एयरट्रैफिक की ग्लोबल एजेंसियों ने पहल शुरू कर दी है। हाल मे कोलकाता में प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्लाइट के साथ भी दिक्कत आ गई थी। ईंधन की कमी के कारण आसमान में चक्कर काटना पड़ा था तो पार्टी समर्थकों ने इसे जान लेने की साजिश करार दिया था।
तेल खत्म होने से विमान हुआ था क्रैश
लामिया एयरलाइन के विमान क्रैश होने के कारणों की जांच हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। न मौसम की खराबी न कोई तकनीकी बात निकली। बल्कि ईंधन खत्म होने से विमान क्रैश होने का खुलासा हुआ। जांच ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग के आधार पर हुई। दरअसल सेंटाक्रूज से प्लेन कोलंबिया जा रहा था। बीच में कोबिजा नामक स्थान पर ईंधन भरना(रिफ्यूलिंग) था। मगर देरी से उड़ान भरने के कारण फ्यूल सेंटर बंद हो चुका था। जिससे प्लेन को आगे बढ़ना पड़ा।
पायलट ने ईंधन को लेकर नहीं बरती सावधानी
Global civil-aviation regulations के मुताबिक विमान अगर उड़ान भरता है तो पायलट की जिम्मेदारी है कि वह लैंडिंग एयरपोर्ट के आगे के एयरपोर्ट तक का ईंधन जरूर स्टोर रखे। जहां तक जाना है उससे आधे घंटे के और सफर का ईंधन होना जरूरी है। ताकि अगर मौसम खराब हो या फिर कोई तकनीकी खराबी हो तो आसमान में कम से कम आधे घंटे तक चक्कर काटने में कोई दिक्कत न हो। मगर फुटबाल खिलाड़ियों को ले जा रहे उस विमान में मंजिल तक पहुंचने भर का भी ईंधन नहीं था। यही नहीं विमान उड़ान में देरी से उड़ान भरने और उतरने के बीच के फ्यूल सेंटर से भी ईंधन नहीं हासिल किया जा सके। इससे साफ पता चलता है कि विमान का पायलट स्थितियों को लेकर संजीदा नहीं था।