नई दिल्ली : साल 2016 के जाते-जाते सीएम अखिलेश यूपी की जनता को अपनी सरकार की और से तोहफों की बरसात में कोई कोताही करते नहीं दिख रहे है. अपने सूबे की जनता को वह दोनों हाथ खोलकर झमाझम तोहफे देते दिख रहे हैं. जिसके चलते अखिलेश की कैबिनेट ने 17 पिछड़ी जातियों को दलित कोटे में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है. इनमें कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, प्रजापति, बाथम, गोंड, कश्यप, धीवर, बिंद, राजभर जातियां इनमें शामिल हैं.
मकान का भत्ता देगी सरकार
महज 6 घंटों में 50 हज़ार करोड़ से अधिक की करीब 300 योजनाओं को लॉन्च करने के बाद बुधवार को शिक्षकों व राज्यकर्मियों को खुश करने की कोशिश की गई. सरकार ने राज्यकर्मियों की भांति सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को अब पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देने का ऐलान किया है.
पति-पत्नी दोनों के कार्यरत होने पर एक को मिलेगा लाभ
जानकारी के मुताबिक अभी तक सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों में यदि पति-पत्नी दोनों कार्यरत हैं, तो सिर्फ एक को ही एचआरए का लाभ मिलता था, जबकि राज्य कर्मचारी में पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ दिया जा रहा है. राज्यकर्मियों की तरह सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों के कर्मचारी भी पति-पत्नी को एचआरए देने की मांग कर रहे थे.
ई-रिक्शा पर घटा 8 फीसदी वैट
इसके अलावा सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए ई-रिक्शा में राहत की सौगात दी. अखिलेश यादव ने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट को साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है. बाजार में 60,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये के बीच ई-रिक्शा आ रहा है. सरकार के इस कदम से ई-रिक्शा 5 से लेकर 7 हज़ार रुपये तक सस्ता हो जाएगा.
निराश्रित महिलाओं को मिलेगी सुविधा
सरकार ने जूनियर इंजीनियरों का भी ख्याल रखा है. सरकारी, स्वायत्तशासी और निगमों में कार्यरत अवर अभियंताओं को हर महीने 400 रुपये विशेष भत्ता दिया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट ने मथुरा के जवाहरबाग को लोहिया पार्क की तर्ज पर विकसित करने, बुंदेलखंड में विशेष पैकेज के तहत डीज़ल पंपसेट वितरित करने, गोरखपुर में एम्स के लिए मुफ्त जमीन देने, लखनऊ विकास प्राधिकरण में 197 गांवों को शामिल करने, वृंदावन-बृजधाम सदनों की निराश्रित महिलाओं व विधावाओं को और सुविधा देने, उत्तराखंड को 37 नहरों को हस्तांतरित करने आदि को भी अपनी मंजूरी दी है.