लखनऊ : यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट्स एक के बाद एक घोटाले की जद में आने लगे हैं. गोमती रिवर फ्रंट और जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में हुए करोड़ों के हेराफेरी के बाद अब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में भी घोटाले की बात सामने आई है. दरअसल अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में मुआवजा बांटने में धांधली का मामला सामने आया है, जिसके बाद 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
चकबंदी अधिकारी समेत 27 लोगों के खिलाफ FIR
बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने कृषि भूमि को आबादी बनाकर ज्यादा मुआवजा दे दिया. इस तरह अधिकारियों ने एक्सप्रेसवे में करोड़ों रुपए का मुआवजा घोटाला किया. अब इस मामले में चकबंदी अधिकारी समेत 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. मामला सिरसागंज तहसील के गांव बछेला-बछेली से जुड़ा है. इस गांव में एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सात अक्टूबर और 30 दिसंबर 2013 को अधिसूचना जारी की गई थी. घोटाले की जानकारी यूपी एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट इंडस्ट्रियल अथॉरिटी (यूपीडा) के स्पेशल फील्ड ऑफिसर योगेश नाथ लाल ने दी. उन्होंने पुलिस को बताया कि बैनामा के दौरान कुछ जमीन आबादी में दिखा दी गई. इससे 3.29 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान करना पड़ा.