लखनऊ : लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण की सुगबुगाहट के विरोध में कर्मचारी अधिकारी महासंघ का मंगलवार को मुख्यालय पर प्रदर्शन शुरू होने के कुछ घन्टे बाद ही विभागीय मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को सिर्फ दो दर्जन जनपद से आए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की भीड़ एवं नाराजगी का पता चल गया। इधर धरना स्थल पर कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी गर्जना कर रहे थे तो उधर तेजी के साथ सरकार सक्रिय हुई और उन्होंने लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह को वार्ता के लिए आमंत्रित किया और आश्वासन दिया कि लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नही है अगर भविष्य में ऐसा किया गया तो पहले कर्मचारी अधिकारी संगठनो से मंत्रणा की जाएगी।
PWD कर्मचारियों का आंदोलन हुआ स्थगित
इस पर मंच पर उपस्थिति कर्मचारी अधिकारी महासंघ के वाइस चेयरमेन इं. हरिकिशोर तिवारी के यह कहने पर कि बिना लिखित आश्वासन के हम आन्दोलन वापस नही ले सकते तो पुनः विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने कहा कि मै लिखित रूप से आश्वासन देने को तैयार हूॅ। इसके उपरान्त मंच पर बैठे कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारियों ने संघर्ष समिति के चेयरमेन इं. एच.एन. पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई मंत्रणा के उपरान्त फिलहाल आन्दोलन स्थगित करने का निर्णय लिया।
लिखित आश्वासन के बाद माने कर्मचारी-अधिकारी
लोक निर्माण विभाग मुख्यालय पर आज निगमीकरण के विरोध में सुबह से ही हजारों कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार यह बताए कि कौन सा निगम फायदे में है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग का निगमीकरण कहा से उचित होगा। इसके उपरान्त जब विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने हर स्तर पर उपस्थित कर्मचारियों को समझाते हुए विभाग के निगमीकरण न होने तथा इसका लिखित आश्वासन देने का वायदा किया तब जाकर उत्तेजित और नाराज कर्मचारियों में कुछ राहत दिखाई पड़ी। विभागाध्यक्ष के सम्बोधन के उपरान्त इं. हरिकिशोर तिवारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस लिखित आश्वासन के बाद भी विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी या गुपचुप तरीके से निगमीकरण का प्रयास किया गया तो यह आन्दोलन पूरे प्रदेश में नजर आएगा और इसकी सीधे जिम्मेदारी सरकार की होगी।उन्होंने यह भी कहा कि अब अगर अगला आन्दोलन करना पड़ा तो इस मंच पर विभाागाध्यक्ष भी नजर आएगे।