लखनऊ : यूपी में जंहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में सूबे से भ्रष्टाचार का सफाया करने का विगुल फूंका है वहीँ उनके मातहत तैनात आईएएस अफसर साधु बनकर एक बड़ा पद हथियाने की तैयारी में जुट गए हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त इस अफसर ने अपनी तैनाती मलाईदार पद पर कराने के लिए सत्ता के गलियारे से लेकर आरएसएस के शीर्ष नेताओं तक से सिफारिश के लिए अपने सारे घोड़ों को दौड़ा दिया है. जिसके चलते यह बात साफ है कि अगर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त (APC) के पद पर भ्रष्टाचार के विवादों में घिरे रहे अफसर चंचल तिवारी की तैनाती हो जाती है, तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना तो दूर बल्कि भ्रष्टाचार और खुलकर बढ़ जायेगा.
सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और अपने चहेते पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को कृषि उत्पादन आयुक्त बनवाने के लिए मुख्य सचिव ने पैरवी शुरू कर दी है. जिससे भ्रष्टाचार के काले कारनामों का खेल जारी रह सके. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जहां पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव ने ईमानदारी का चोला धारण कर लिया है वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर लामबंदी भी शुरू कर दी है.जिसके चलते ईमानदार छवि के अफसरों में आक्रोश व्याप्त है.
घपलों से है चंचल तिवारी का पुराना रिश्ता
1983 बैच के आईएएस और प्रमुख सचिव पंचायतीराज चंचल तिवारी अपने कारनामों के लिए हमेशा से सुर्ख़ियों में रहे हैं. यूपीएसआईडीसी में ट्रोनिका सिटी घोटाला की जांच अभी भी एसआईटी द्वारा की जा रही है. जिसमें अभी तक क्लोजर रिपोर्ट नहीं लगी है. पंचायती राज में सेवा प्रदाता कम्पनियों के चयन में खेल हुआ. मात्र तीन दिन के अंदर गठित हुई सेवाप्रदाता कम्पनियों को इम्पैनल्ड करने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया. 14वें वित्त आयोग के हजारों करोड़ रुपए में हेराफेरी करने के लिए शासनादेश जारी किया गया. मीडिया में खबरें आने के बाद सरकार के दबाव में शासनादेश को निरस्त किया गया था. बताया जाता है कि पंचायतीराज विभाग के कुछ कर्मचारी नेताओं से चंचल तिवारी ने डील की थी. इस डील में तय हुआ था कि चंचल तिवारी शासनादेश कर देंगे कि 14वें वित्त आयोग के पैसे निकालने के लिए एडीओ पंचायत ही अधिकृत होंगे और वह अपने एकल हस्ताक्षर से ही पैसा निकाल सकेंगे. इससे पहले पैसा खंड विकास अधिकारी और एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से निकलता था. यहीं नहीं उन्होनें डीएम और सीडीओ को भी पंचायत कर्मियों के कार्यों में दखल से बेदखल कर दिया था. यही नहीं शासनादेश में कहा गया कि एडीओ पंचायत का दफ्तर अलग होगा और वह खंड विकास अधिकारी के अधीन काम नहीं करेंगे. पंचायती राज विभाग में कई बड़े घोटाले हुए, लेेकिन कोई कार्रवाई न होने से अनियमित कार्यशैली को अंजाम देने वाले अफसरों के हौसले और बुलंद हो चले हैं.
कुर्सी के लिए बदला भेष
सूत्रों के मुताबिक सूबे में योगी सरकार बनने के बाद से भ्रष्टïचार पर सख्त रवैए को देखते हुए प्रमुख सचिव ने फिलहाल अपने आपको दूध का धुला साबित करने के लिए तन-मन-धन से लग गए हैं. इसके पीछे मंशा यह है कि 30 अप्रैल को 1982 बैच के आईएएस प्रदीप भटनागर कृषि उत्पादन आयुक्त के पद से रिटायर हो रहे हैं. इस पद को हासिल करने के लिए तिवारी ने जोड़तोड़ शुरू कर दी है. पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव चंचल तिवारी ने पूर्ववर्ती सरकार के इशारे पर विभाग को एक कम्पनी की तर्ज पर चलाया है. पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए जमकर नियम-कानूनों की अनदेखी की की है. अब मंशा है कि कृषि उत्पादन आयुक्त की कुर्सी हासिल कर मुख्य सचिव बनना है. अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए आईएएस चंचल तिवारी ने आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व से गुहार लगाई है. साथ ही भाजपा के बड़े नेताओं को भी विश्वास में लिया है. कई नेता भी पैरवी में जुट गए हैं. इससे संभावना है कि कृषि उत्पादन आयुक्त की कुर्सी पर चंचल तिवारी की ताजपोशी हो सकती है. इस बाबत 'इंडिया संवाद' ने प्रमुख सचिव चंचल तिवारी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनके कैंप कार्यालय में तैनात स्टाफ ने यह कहकर फोन रख दिया कि साहब मीटिंग में व्यस्त हैं.